भारतीय सिनेमा की पहली फिल्म ‘राजा हरिश्चन्द्र’ के लिए फिल्मकार धुंडिराज गोविंद फालके ने जहां आउटडोर शूटिंग की शुरुआत की, महाराष्ट्र के उसी वांगनी शहर के शेलु में अब उन्हीं के नाम पर एक ऐसी आवासीय योजना की शुरुआत हो रही है, जिसमें फिल्मों में काम करने वाले कामगारों के लिए आवास की व्यवस्था की जा रही है। इस दादासाहेब फाल्के आवासीय योजना में फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (एफडब्लूआईसीई) और पाध्ये ग्रुप की मदद से यहां सिनेमा कामगारों के लिए प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत दस हजार अस्सी घर बनाए जा रहे हैं।
रविवार को इस आवासीय योजना के लिए फेडरेशन की तरफ से एक साइट विजिट का कार्यक्रम रखा गया जिसमें बड़ी संख्या में फेडरेशन से संबद्ध यूनियनों के सदस्यों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर बताया गया कि आवासीय योजना के पहले चरण में 522 घर बनाए जा रहे हैं। पहला टावर 16 मंजिला होगा जिसमें लिफ्ट, मल्टी पर्पज हॉल और अन्य कई सारी सुविधाएं होंगी। इस आवासीय योजना का मुख्य द्वार दादा साहब फाल्के की पत्नी सरस्वती बाई फालके के नाम पर होगा। ये आवासीय योजना कर्जत के मशहूर एनडी स्टूडियो के करीब बन रही है, इस स्टूडियो में इन दिनों कई फिल्मों और धारावाहिकों की शूटिंग होती रहती है।
इस मौके पर स्थानीय विधायक महेंद्र थोर्वे ने कहा कि सिनेमा से जुड़े लोगों ने जिस बड़ी तादाद में यहां बसने में रुचि दिखाई है, वह उत्साहजनक है। और अब ये मेरा दायित्व है कि यहां बिजली और पानी की उचित व्यस्वस्था कराई जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों का शेलु की तरफ झुकाव बढ़े। फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (एफडब्लूआईसीई) के अध्यक्ष बीएन तिवारी ने कहा कि पर्दे के पीछे के कलाकारों का इस आवासीय योजना में सपना पूरा हो रहा है।
भवन निर्माता अंकुर पाध्ये ने कहा कि सिनेमा कामगारों को उनके लिए घर देना मेरे पिताजी का सपना था। पिताजी ने इसके पहले बीड़ी कामगारों के लिए सोलापुर में सिर्फ 60 हजार रुपये में घर उपलब्ध कराए थे। रविवार को हुए इस कार्यक्रम में अभिनेता गजेंद्र चौहान, दादा साहेब फालके के पोते चन्द्रकांत पुसालकर, संगीतकार अमर हल्दीपुरकर, एफडब्लूआइसीई के मुख्य सलाहकार आशीष शेलार आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस आवासीय योजना में सिर्फ साढ़े बारह लाख रुपये में सिनेमा जे जुड़े लोगों को प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत घर दिए जा रहे हैं।