अल्लु अर्जुन की दो साल पुरानी फिल्म ‘अला वैकुंठपुरमुलू’ को हिंदी में डब करके सिनेमाघरों में रिलीज करने के फैसले पर अभिनेता कार्तिक आर्यन के इसके हिंदी रीमेक ‘शहजादा’ में काम करने से मना करने की कथित धमकी को फिल्म ‘शहजादा’ के निर्माता और निर्देशक ने कोरी अफवाह बताया है। इस मसले पर कार्तिक आर्यन के पीछे फिल्म की पूरी टीम पूरे दमखम के साथ खड़ी हो गई है। ‘शहजादा’ नाम से बन रही इस रीमेक के निर्माताओं में अल्लु अर्जुन के पिता अल्लु अरविंद का नाम भी शामिल है। इन दिनों साउथ का हर निर्माता अपनी फिल्म के हिंदी रीमेक में मुनाफा लेने के लिए बतौर निर्माता उसमें भी शामिल रहता है, हालांकि फिल्म में पैसा कोई दूसरा निर्माता लगा रहा होता है। और, ‘अला वैकुंठपुरमुलू’ की ‘शहजादा’ नाम से बन रही रीमेक में पैसा नंबर वन म्यूजिक कंपनी टी सीरीज का लग रहा है।
इस बारे में टी सीरीज के प्रबंध निदेशक और फिल्म ‘शहजादा’ के निर्माता भूषण कुमार का कहना है कि कार्तिक आर्यन का इस पूरे मामले से कोई लेना देना ही नहीं है। उन्होंने कभी फिल्म निर्माण की किसी भी प्रक्रिया में हस्तेक्षप नहीं किया। कार्तिक ने अपने करियर की शुरुआत से हमारे साथ काम किया है। तमाम फिल्में हमने साथ में की हैं। वह एक बहुत ही पेशेवर अभिनेता है और उन पर इस तरह के इल्जाम लगाना ठीक नहीं है।
भूषण कुमार ये भी बताते हैं कि ‘अला वैकुंठपुरमुलू’ को हिंदी में डब करके सिनेमाघरों में रिलीज किए जाने की खबर सामने आई तो हमने बतौर फिल्म ‘शहजादा’ के निर्माता मनीष शाह की कंपनी गोल्डमाइन्स से ऐसा न करने की गुजारिश की। किसी फिल्म को रिलीज करना न करना एक निर्माता का फैसला होता है, इसमें कोई अभिनेता कैसे दखल दे सकता है।
फिल्म के निर्देशक रोहित धवन के मुताबिक फिल्म ‘शहजादा’ को लेकर कार्तिक आर्यन का उत्साह और इरादा बेदाग है। उनके साथ काम करना बहुत ही अच्छा रहा है। एक निर्देशक और एक अभिनेता के तौर पर हमारे बीच में बहुत ही तगड़ा रिश्ता है और इस फिल्म के लिए हमारा जो प्यार है, उसके बीच में कोई और नहीं आ सकता।
फिल्म ‘शहजादा’ के एक और निर्माता अमन गिल कहते हैं कि फिल्म ‘अला वैकुंठपुरमुलू’ को हिंदी में डब करके सिनेमाघरों में रिलीज करने का जब हमें पता चला तो बतौर इसके हिंदी रीमेक के निर्माता हमने मनीष शाह से ऐसा न करने की अपील की। कार्तिक इसकी रीमेक को लेकर शुरू से बहुत समर्पित अभिनेता रहे हैं और वह हमेशा ये पूछते रहते हैं कि फिल्म की बेहतरी के लिए हम क्या कर सकते हैं। हिंदी सिनेमा में उनके जैसे समर्पित और लगनशील अभिनेता कम ही हैं।