मनोरंजन जगत के फिल्म, टीवी और ओटीटी सारे पुरस्कारों में सबसे लोकप्रिय पुरस्कार फिल्मफेयर पुरस्कार ही रहा है, हालांकि इन पुरस्कारों के बारे में जब से ऋषि कपूर ने अपनी आत्मकथा में सच्चाई बयां की है, ये पुरस्कार भी दागदार हो गए हैं। अब बेहतरीन अभिनेता रणवीर शौरी ने इन पुरस्कारों पर सीधा निशाना साधा है। वह कहते हैं कि इन पुरस्कारों में भाई भतीजावाद हावी रहता है और कई बार इसके चलते उन्होंने फिल्में छोड़ देने का भी मन बना लिया था।
शौरी एक इंटरव्यू में कहते हैं, 'आप खुद ही देख सकते हैं। पिछले 10 से 15 साल के पुरस्कार समारोहों को देखिए। उसके साथ ही मेरी फिल्मोग्राफी पर भी गौर करिए। तब आपको पता चलेगा कि उन्होंने मेरी कौन सी प्रस्तुतियों को बिल्कुल अनदेखा किया है। पुरस्कार मिलना तो दूर कभी नामांकन में भी शामिल नहीं किया गया है।'
अपनी बात जारी रखते हुए रणवीर कहते हैं, 'आपको एक अंदाजा लग जाता है। जब आप अपने काम के बारे में दर्शकों से बात करते हैं तो आपको महसूस होता है कि आपकी फिल्म ने कितना अच्छा प्रदर्शन किया है।'
रणवीर कहते हैं, 'उस फिल्म में आपका किरदार कितना बेहतरीन रहा है। लेकिन पुरस्कार समारोहों में तो मेरी जगह ही नहीं है। कई बार तो मुझे इंडस्ट्री छोड़ देने जैसे विचार आए। लेकिन, वह मेरा काम ही है जो मुझे रोक लेता है। क्योंकि, मैं अपने काम से बहुत प्यार करता हूं।'
रणवीर शौरी को हिंदी की कुछ बेहतरीन फिल्मों जैसे; खोसला का घोसला, हनीमून ट्रैवल्स प्राइवेट लिमिटेड, भेजा फ्राई, ट्रैफिक सिग्नल, मिथ्या आदि में देखा गया है। रणवीर को अंतिम बार बड़े पर्दे पर इरफान खान की फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' में देखा गया था। अब वह ओटीटी पर रिलीज होने वाली फिल्म 'लूटकेस' में कुणाल खेमू, रसिका दुग्गल, विजय राज और गजराज राव के साथ सहायक भूमिका में नजर आने वाले हैं।