हिंदी सिनेमा के मिस्टर परफेक्शनिस्ट अभिनेता आमिर खान की फिल्म '3 इडियट्स' अभिनेता शरमन जोशी के करियर की सबसे बड़ी हिट फिल्म है। लेकिन राजकुमार हिरानी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में शरमन को किरदार उनकी पहली फिल्म में किए काम ने दिलवाया था। शरमन ने अमर उजाला से खास बातचीत करते हुए बताया कि जब उन्होंने अपनी पहली फिल्म 'स्टाइल' में काम किया तो उनके काम से राजू हिरानी बहुत प्रभावित हुए थे। वह कहते हैं, 'जब राजू हिरानी सर ने '3 इडियट्स' बनाना शुरू की तो उन्होंने मुझसे कहा था कि उन्होंने मेरा काम 'स्टाइल' में देखा था। वह उससे बहुत प्रभावित थे। इसलिए '3 इडियट्स' मुझे काम मिला।'
शरमन जोशी हाल ही में रिलीज हुई जी5 और ऑल्ट बालाजी की वेब सीरीज 'बारिश' के दूसरे सीजन में नजर आए हैं। वह अपने करियर का टर्निंग पॉइंट अपनी पहली फिल्म 'स्टाइल' को ही मानते हैं। वह कहते हैं, 'मेरा कोई फिल्मी बैकग्राउंड नहीं है। क्योंकि मेरे परिवार में मेरे पिताजी समेत कुछ लोग सिर्फ थिएटर कलाकार रहे हैं। मुझे जब पहली बार फिल्मी 'स्टाइल' में काम मिला तो एक तरह से वह मेरे लिए एक टर्निंग पॉइंट ही था। वहां से लोगों ने मुझे जानना शुरू किया। कमाल की बात तो यह है कि वही फिल्म थी जहां मुझे राजू हिरानी सर ने देखा।'
राजकुमार हिरानी को मुन्ना भाई एमबीबीएस, लगे रहो मुन्नाभाई, पीके, संजू, 3 इडियट्स जैसी सुपरहिट फिल्मों के लिए जाना जाता है। शरमन से उनकी मुलाकात तब हुई जब वह 'मुन्ना भाई एमबीबीएस' और 'लगे रहो मुन्नाभाई' जैसी फिल्में बना चुके थे। शरमन कहते हैं, 'उस समय तक मैं भी 'गोलमाल' और 'ढोल' जैसी फिल्में कर चुका था। इन सब फिल्मों में भी है मेरा किरदार बहुत अच्छा रहा और मुझे बहुत सराहना भी मिली। लेकिन, राजू सर को मेरा काम 'स्टाइल' फिल्म में ही पसंद आया था।'
शरमन जोशी ने राजकुमार हिरानी के साथ '3 इडियट्स के अलावा 'फरारी की सवारी' में भी काम किया है। वह राजकुमार हिरानी की तारीफ करते हुए कहते हैं, 'राजू हिरानी सर की फिल्में अच्छी होने का एकमात्र कारण यह है कि वह हर फिल्म पर जितनी मेहनत दूसरे लोगों से करवाते हैं, उससे कहीं ज्यादा मेहनत खुद करते हैं। वह सेट पर माहौल भी इस तरह का बना कर रखते हैं कि लोग मजे मजे में सारा काम कर लेते हैं। कभी चिल्लाते या गाली-गलौज भी नहीं करते हैं। उनकी मेहनत पर्दे पर तो दिखती ही है। लेकिन जब वह सेट पर होते हैं तो उनके दिमाग में बहुत कुछ चल रहा होता है। वह अपनी दिमागी मेहनत किसी को नहीं दिखाते।'
शरमन ने अभिनय में अपने करियर की शुरुआत अपने पिताजी अरविंद जोशी के साथ थिएटर से ही की थी। शरमन बताते हैं, 'मेरे पिताजी को हमेशा यह विश्वास रहा है कि मैं अगर कोई काम कर रहा हूं तो अच्छा ही करूंगा। एक बार मैंने उनके साथ एक नाटक में काम किया था। उसमें मेरा किरदार थोड़ा गंभीर था। उस किरदार को निभाने के बाद उन्होंने मेरी पीठ थपथपाई थी। उन्होंने बोला कि आज तुमने बहुत अच्छा काम किया है। एक वह टिप्पणी थी और एक शाबाशी के रूप में '3 इडियट्स' के समय पर मिली टिप्पणी थी। इसके अलावा मेरे पिताजी ने मेरे काम के बारे में कभी नहीं बोला। प्रेम जी (प्रेम चोपड़ा, शरमन के ससुर) ने मेरे काम को लेकर कभी कुछ नहीं कहा। हम लोग कभी इस बारे में बात नहीं करते।'