सुभाष घई ने हिंदी सिनेमा में कामयाबी का वो दौर देखा है, जब सितारे उनकी फिल्म में काम पाने के लिए उनके दफ्तरों के चक्कर लगाया करते थे। घई ने अपने करियर की सबसे बड़ी गलती की यश चोपड़ा की लीक पर चलने की। इस कोशिश की पहली कड़ी परदेस तो सुपर हिट रही, लेकिन पहले ताल और फिर यादें ने उनके तिलिस्म को चूर-चूर कर दिया। जानते हैं सुभाष घई निर्देशित 5 उन फिल्मों के बारे में जिन्होंने उनसे शो मैन का तमगा छीन लिया।
यादें (2001)
ताल के बाद 27 जुलाई 2001 को रिलीज हुई इस फिल्म में ऋतिक रोशन, करीना कपूर, और जैकी श्रॉफ नजर आए थे। देखा जाए तो फिल्म ताल के बाद से ही सुभाष घई का रिकॉर्ड खराब होने लगा था। यादें सुभाष घई के करियर की पहली फ्लॉप फिल्म थी, हालांकि फिल्म के गानों को काफी सराहना मिली थी। फिल्म की कहानी ऋतिक और करीना के बीच एक लव स्टोरी को दर्शाती है, जहां ऋतिक तो अमीर खानदान के हैं और करीना एक आम घराने से।
किसना (2005)
यादें के बाद सुभाष घई ने डायरेकशन से ब्रेक ले लिया और फिल्मों को प्रोड्यूस करने लगे। चार साल बाद उन्होंने वापसी की किसना से। फिल्म किसना में विवेक ओबेरॉय लीड रोल निभा रहे थे और उनके साथ नजर आईं थीं एंटोनिया बर्नथ और ईशा शरवानी। फिल्म की कहानी ब्रिटिश काल की है, जब आजादी की लड़ाई चल रही थी, और इसी बीच विवेक को एक ब्रिटिशर का किरदार निभा रही एंटोनिया बर्नथ से प्यार हो जाता है। यह फिल्म भी दर्शकों को कुछ खास पसंद नहीं आई और बॉक्स ऑफिस पर भी कमाई करने में असफल रही।
ब्लैक एंड व्हाइट (2008)
सुभाष घई मुंबई का सबसे बड़ा फिल्म स्कूल चलाते हैं व्हिस्लिंग वूड्स इंटरनेशनल। घई पर जब इस बात को लेकर छींटाकशी होने लगी कि एक शो मैन अपने फिल्म स्कूल से एक सुपरस्टार तक तैयार नहीं कर सका तो उन्होंने अपने स्कूल की लाज बचाने को फिल्म बनाई ब्लैक एंड व्हाइट और लीड रोल में लिया अनुराग सिन्हा को। 2008 में आई इस फिल्म में अनिल कपूर, शैफाली छाया और अदिति शर्मा नजर आए। फिल्म की कहानी एक अफगानी आत्मघाती हमलावर की कहानी पर बेस्ड है जो भारत में स्वतंत्रता दिवस के दिन आतंकी हमले करने आया है। फिल्म फ्लॉप रही और इसी के बाद सुभाष घई का नाम पहली कतार के निर्देशकों से भी हट गया।
युवराज (2008)
सुभाष घई के करियर की सबसे बड़ी गलती रही सलमान खान के साथ युवराज बनाना। कटरीना कैफ के साथ सलमान को कास्ट करना सुभाष घई का सपना था और ये फिल्म उन्होंने तमाम दिक्कतों के बाद भी पूरी तो कर ली लेकिन एक प्रोजेक्ट बनाने के चक्कर में वह सिनेमा बनाना भूल गए। फिल्म में तीन भाइयों की जिंदगी पर बेस्ड थी जो एक दूसरे को धोखा देकर अपने बाप की संपत्ति हड़पना चाहते हैं। पूरी फिल्म में सलमान का लुक लगातार बदलता रहता है और यही इस फिल्म की सबसे बड़ी कमजोर कड़ी भी रही।