डॉक्यूमेंट्री रिव्यू: 1232 किमी
निर्देशक: विनोद कापड़ी
संपादक: हेमंती सरकार
गीत: गुलजार
संगीत: विशाल भारद्वाज
ओटीटी: डिज्नी प्लस हॉटस्टार
रेटिंग: ****
इंसानी संवेदनाओं को महसूस करना और फिर उन्हें ज्यों का त्यों परदे पर उतार देना, टीवी न्यूज जर्नलिज्म का पहला सबक होता है। विनोद कापड़ी पेशे से पत्रकार रहे हैं। ‘अमर उजाला’ अखबार में नौकरी करते हुए उन्होंने मानवीय अनुभूतियों को अपनी कलम की धार बनाना सीखा और फिर तमाम टीवी चैनलों में रहते हुए उन्होंने टीवी पत्रकारों की पूरी एक ऐसी नर्सरी लगा दी, जो जहां भी पेड़ बने, छायादार ही बने। सात साल पहले बनी उनकी एक डॉक्यूमेंट्री ‘कान्ट टेक दिस शिट एनीमोर’ को सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र (डॉक्यूमेंट्री) का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था। और, सब कुछ तटस्थ रहा तो एक नेशनल अवार्ड विनोद को और मिलता दिख रहा है, डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘1232 किमी’ के लिए।
निर्देशक: विनोद कापड़ी
संपादक: हेमंती सरकार
गीत: गुलजार
संगीत: विशाल भारद्वाज
ओटीटी: डिज्नी प्लस हॉटस्टार
रेटिंग: ****
इंसानी संवेदनाओं को महसूस करना और फिर उन्हें ज्यों का त्यों परदे पर उतार देना, टीवी न्यूज जर्नलिज्म का पहला सबक होता है। विनोद कापड़ी पेशे से पत्रकार रहे हैं। ‘अमर उजाला’ अखबार में नौकरी करते हुए उन्होंने मानवीय अनुभूतियों को अपनी कलम की धार बनाना सीखा और फिर तमाम टीवी चैनलों में रहते हुए उन्होंने टीवी पत्रकारों की पूरी एक ऐसी नर्सरी लगा दी, जो जहां भी पेड़ बने, छायादार ही बने। सात साल पहले बनी उनकी एक डॉक्यूमेंट्री ‘कान्ट टेक दिस शिट एनीमोर’ को सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र (डॉक्यूमेंट्री) का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था। और, सब कुछ तटस्थ रहा तो एक नेशनल अवार्ड विनोद को और मिलता दिख रहा है, डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘1232 किमी’ के लिए।