Movie Review: हैलो चार्ली
लेखक: पंकज सारस्वत व अभिषेक खैरकर
निर्देशक: पंकज सारस्वत
कलाकार: आदर जैन, जैकी श्रॉफ, एलनाज नौरोजी, श्लोका पंडित और राजपाल यादव आदि।
निर्माता: फरहान अख्तर व रितेश सिधवानी
ओटीटी: अमेजन प्राइम वीडियो
रेटिंग: *1/2
ओटीटी का देश में आगमन उन कलाकारों के लिए ताजगी की नई बयार माना गया जिन्हें आमतौर पर फिल्मों में बड़े निर्माता काम नहीं देते। ‘बुलबुल’ ने तृप्ति डिमरी की किस्मत बदल दी। ‘पाताललोक’ ने जयदीप को स्टार बना दिया। लेकिन, एक्सेल एंटरटेनमेंट व धर्माटिक जैसी कंपनियों को अभी अपनी सिनेमाई सोच बदलना बाकी है। इनके लिए ओटीटी दोयम दर्जे के हिंदी दर्शकों का प्लेटफॉर्म है जो गालियों और सेक्स के आगे कुछ देखना नहीं चाहता। प्रसंग यहां नए कलाकारों का है और आदर जैन परदे पर भले नए हो, पर बचपन उनका करीना, करिश्मा, रणबीर के साथ ही बीता है। वह इन तीनों की बुआ के बेटे हैं। यही उनकी सबसे बड़ी योग्यता भी है। फरहान अख्तर व रितेश ने उनकी ये फिल्म ‘हैलो चार्ली’ बड़े परदे के लिए ही बनाई थी लेकिन गले में आ अटकी है ओटीटी दर्शकों के।
लेखक: पंकज सारस्वत व अभिषेक खैरकर
निर्देशक: पंकज सारस्वत
कलाकार: आदर जैन, जैकी श्रॉफ, एलनाज नौरोजी, श्लोका पंडित और राजपाल यादव आदि।
निर्माता: फरहान अख्तर व रितेश सिधवानी
ओटीटी: अमेजन प्राइम वीडियो
रेटिंग: *1/2
ओटीटी का देश में आगमन उन कलाकारों के लिए ताजगी की नई बयार माना गया जिन्हें आमतौर पर फिल्मों में बड़े निर्माता काम नहीं देते। ‘बुलबुल’ ने तृप्ति डिमरी की किस्मत बदल दी। ‘पाताललोक’ ने जयदीप को स्टार बना दिया। लेकिन, एक्सेल एंटरटेनमेंट व धर्माटिक जैसी कंपनियों को अभी अपनी सिनेमाई सोच बदलना बाकी है। इनके लिए ओटीटी दोयम दर्जे के हिंदी दर्शकों का प्लेटफॉर्म है जो गालियों और सेक्स के आगे कुछ देखना नहीं चाहता। प्रसंग यहां नए कलाकारों का है और आदर जैन परदे पर भले नए हो, पर बचपन उनका करीना, करिश्मा, रणबीर के साथ ही बीता है। वह इन तीनों की बुआ के बेटे हैं। यही उनकी सबसे बड़ी योग्यता भी है। फरहान अख्तर व रितेश ने उनकी ये फिल्म ‘हैलो चार्ली’ बड़े परदे के लिए ही बनाई थी लेकिन गले में आ अटकी है ओटीटी दर्शकों के।