गोरखपुर में नौ माह से अबूझ पहेली बने कोरोना वायरस के खिलाफ महाअभियान की शुरुआत शनिवार को हो गई। जिले के छह अस्पतालों में कोरोना वैक्सीनेशन शुरू हुआ। जिला अस्पताल में मुख्य कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाइव प्रसारण नगर विधायक डॉ. आरएमडी अग्रवाल, डीएम के. विजयेंद्र पांडियन, सीडीओ इंद्रजीत सिंह, एडी हेल्थ डॉ. जनार्दन मणि त्रिपाठी और सीएमओ डॉ. सुधाकर पांडेय ने सुना। इसके बाद 11:19 बजे पर पहला टीका जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नीरज पांडेय को लगाया गया। आगे की स्लाइड्स में देखें तस्वीरें...
डॉ. नीरज ने कहा कि यह मेरे लिए गर्व और खुशी का क्षण है। उन्होंने बताया कि प्रतिरक्षित लोगों को कोविड-19 टीके की अगली डोज के लिए 15 फरवरी की तारीख दी गई है। इसके लिए उनके मोबाइल पर मैसेज भी आएगा। इससे पूर्व 10:40 बजे महिला अस्पताल में एसआईसी डॉ. माला सिन्हा को कोरोना का पहला टीका लगाया गया। वहीं बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 11:28 बजे मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राजेंद्र राय को पहला टीका लगाया गया। इस मौके पर प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार, डॉ. डीके श्रीवास्तव, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष डॉ. वाणी आदित्य मौजूद रहे।
इसी तरह पिपराइच सीएचसी पर 9:30 बजे पहला टीका डॉ. शकुंतला राय को लगाया गया। सहजनवां में 10:40 बजे पहला टीका स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी विक्रम प्रसाद को लगाया गया। सीएमओ डॉ. सुधाकर पांडेय ने कहा कि कोरोना वायरस कि अब उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। विश्व में तबाही मचाने वाले कोविड-19 वायरस जैसी विकराल समस्या का अब समाधान निकल चुका है। जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के कुल छह अस्पतालों में भी जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की निगरानी में टीके को लांच किया गया। जिले को वैक्सीन की 28130 डोज मिली है।
कोविन पोर्टल के मैसेज पर हुआ टीकाकरण
शुक्रवार को दिन में कोविन पोर्टल का सर्वर फेल होने की वजह से स्वास्थ्य कर्मियों को मैसेज नहीं गया। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तरफ से सूची तैयार की थी। लेकिन देर रात 11 बजे के बाद सर्वर ठीक हुआ तो रात में दो बजे के करीब स्वास्थ्य कर्मियों को मैसेज जाने लगा। इस पर कोविन पोर्टल के आधार पर स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाने की शुरुआत की गई।
सूची से सीएमओ का नाम हुआ गायब
स्वास्थ्य विभाग ने जो सूची कोविड टीकाकरण के लिए तैयार की थी, उसमें सीएमओ डॉ. सुधाकर पांडेय और आईएमए के अध्यक्ष डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव सहित कई स्वास्थ्य कर्मियों का नाम शामिल किया गया था। लेकिन जब कोविन पोर्टल का सर्वर काम करने लगा तो इन लोगों के नाम सूची से गायब हो गई। इसकी वजह से इन्हें टीका नहीं लगाया जा सका। जबकि यह लोग टीका लगवाने के लिए पूरी तरह से तैयार होकर आए थे।