साल के पहले सूर्यग्रहण की शुरूआत गोरखपुर में 10 बजकर 32 मिनट और 54 सेकेंड पर हुई। ऐसे में शहरवासी टेलीस्कोप के माध्यम से सदी के सबसे बड़े सूर्य ग्रहण से रूबरू हुए। आगे की स्लाइड्स में पढ़ें कि कैसे दो खगोलीय घटनाओं के गवाह बनेंगे शहरवासी...
आज साल का सबसे बड़ा दिन (ग्रीष्म संक्रात) है, साथ में सूर्य ग्रहण भी लग गया है। हर साल 21 जून को दोपहर में एक वक्त ऐसा आता है, जब सूर्य ठीक आपके सिर के ऊपर होता है और आपको खुद की परछाई नजर नहीं आती।
क्षेत्रीय वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय ने बताया कि धरती सूर्य का चक्कर लगाने के साथ ही साथ अपने अक्ष पर भी घूमती है। वह अपने अक्ष पर 23.44 डिग्री झुकी है। इसकी वजह से सूरज की रोशनी धरती पर हमेशा एक जैसी नहीं पड़ती और दिन-रात की अवधि में अंतर आता है।
21 जून को सूर्य उत्तरी गोलार्ध से चलकर कर्क रेखा में आ जाता है। इसी कारण सूर्य की किरणें ज्यादा समय तक धरती पर पड़ती हैं और दिन लंबा होता है। उन्होंने बताया कि वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला में टेलीस्कोप की मदद से सूर्य ग्रहण की घटना का अनुसंधान किया जाएगा। बताया कि इस तरह का वलयाकार सूर्य ग्रहण देशवासी अगली बार 2034 में देख सकेंगे।
15 से 16 घंटे रहती है सूर्य की रोशनी
21 जून को सूर्य की रोशनी करीब 15 से 16 घंटे धरती पर पड़ती हैं। इस दिन से उत्तरी गोलार्ध में रह रहे लोगों के लिए गर्मी की शुरुआत होती है, वहीं, दक्षिणी गोलार्ध के लोगों के लिए सर्दी की शुरुआत।