उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में राज्य का 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ का बजट 2022-23 पेश किया। यह बजट गोरखपुर के लिए भी खास रहा है। इसमें गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 113 करोड़ 52 लाख का बजट दिया गया। वहीं चिड़ियाघर के विकास के लिए भी 50 करोड़ रुपये का बजट दिया गया। इसके अलावा गोरखपुर में मेट्रो के पहले फेज की शुरुआत के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट दिया गया।
राष्ट्रपति ने किया था आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास
गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 113 करोड़ 52 लाख का बजट दिया गया। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर प्रदेश के पहले महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास 28 अगस्त 2021 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था। एक लाख 99 हजार 980.72 वर्गमीटर क्षेत्र में बन रहे इस विश्वविद्यालय में प्रशासनिक भवन, अकादमिक भवन, अस्पताल, पुस्तकालय, प्रेक्षागृह, संग्रहालय, मोर्चरी, बालक एवं बालिका छात्रावास के अलावा कुलपति व अन्य स्टाफ के लिए आवासीय भवन बनाए जाने हैं। आयुष विश्वविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों के पाठ्येत्तर गतिविधियों के लिए तीन स्पोर्ट्स फील्ड भी बनाए जाएंगे।
गोरखपुर चिड़ियाघर
चिड़ियाघर के विकास के लिए भी 50 करोड़ रुपये का बजट दिया गया। बता दें कि 27 मार्च 2021 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा गोरखपुर चिड़ियाघर का उद्धाटन किया गया था। इस चिड़ियाघर का नाम शहीद अशफाक उल्लाह खान प्राणि उद्यान रखा गया है। यह गोरखपुर के नौका बिहार के बगल में ही स्थित है। इसमें 6 वर्ष से लेकर 12 वर्ष तक के लोगों के प्रवेश पर 25 रुपये और 12 वर्ष से बुजुर्गों तक के प्रवेश पर 50 रुपये शुल्क है। इसके खुलने का समय सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक का है। सोमवार को साप्ताहिक बंदी रहती है। यहां पूरे दिन चिड़ियाघर के प्यारे जानवरों के साथ बिता सकते हैं।
कॉर्पस फंड: शासन की तरफ से चिड़ियाघर सोसाइटी को कॉर्पस फंड के रूप में 50 करोड़ रुपये दिए गए हैं। उस फंड का सोसाइटी किसी मद में प्रयोग नहीं कर सकेगी। निदेशक एच राजमोहन ने बताया कि ये फंड सोसाइटी की धरोहर के रूप में रहेगा। जो बैंक अच्छा ब्याज इस रकम पर देगा,उस बैंक के पास इस बजट को सुरक्षित रखवा दिया जाएगा। सालाना ब्याज की धनराशि से सोसाइटी, चिड़ियाघर के काम करवाएगी। जैसे, मेंटिनेंस, कुर्सी, टेबल, फाइल, कंप्यूटर, साइनबोर्ड व अन्य काम करेगी। इन कामों के लिए सोसाइटी को बजट का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
वहीं गोरखपुर में मेट्रो के पहले फेज की शुरुआत के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट दिया गया। अब गोरखपुर शहर में लाइट मेट्रो की राह और आसान हो गई है। परियोजना के पहले चरण को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई है। अब सीएम योगी ने अपने दूसरे कार्यकाल में गोरखपुर मेट्रो के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट दिया है। गोरखपुर शहर में तीन बोगियों वाली लाइट मेट्रो को दौड़ाने की तैयारी है। राइट्स व लखनऊ रेल मेट्रो कॉरपोरेशन ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) का अनुमोदन कर शासन को पिछले साल ही भेज दिया था।
एक रूट पर 14, दूसरे पर 12 स्टेशन होंगे
डीपीआर के मुताबिक, शहर में 4,589 करोड़ रुपये की लागत से तीन बोगियों (कार) वाली मेट्रो दौड़ेगी। इसके लिए दो रूट तय किए गए हैं। पहला रूट 15.14 किमी लंबा होगा, जो श्यामनगर (बरगदवां के पास) से मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तक का होगा। इस पर कुल 14 स्टेशन होंगे। दूसरा रूट गुलरिहा से शुरू होकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज, असुरन चौक, धर्मशाला, गोलघर, कचहरी चौराहा होते हुए नौसड़ तक जाएगा। यह 12.70 किमी लंबा रूट है, जिस पर 12 स्टेशन होंगे।
प्रदूषण और जाम से मिल सकती है निजात
शहर में लाइट मेट्रो के परिचालन से शहरवासियों को वायु प्रदूषण और आए दिन लगने वाले जाम से काफी हद तक निजात मिल सकती है। जानकार मानते हैं कि मेट्रो चलने के बाद अधिकतर लोग इससे आवागमन करेंगे। इससे निजी वाहन सड़कों पर कम उतरेंगे। जब सड़कों पर निजी वाहन कम उतरेंगे तो जाम भी नहीं लगेगा।