रामू जंगल में जा रहा था तभी एक सांप ने पैर पर काट लिया।
रामू को गुस्सा आया और टांग आगे करके बोला- ले काट ले जितना काटना है काट ले।
सांप ने फिर तीन-चार बार काटा और थक कर बोला, तू इंसान है या भूत?
रामू- मैं तो इंसान ही हूं लेकिन साले मेरा पैर नकली है।
पिता बेटे पर गुस्सा करते हुए..
पिता- एक काम ढंग से नहीं होता तुझसे.
तुम्हें पुदीना लाने के लिए कहा था और तुम ये धनिया ले आए.
तुझ जैसे बेवकूफ को तो घर से निकाल देना चाहिए.
बेटा- पापा चलो इकट्ठे ही चलते हैं
पिता- क्यों?
बेटा- क्योंकि मम्मी कह रही थी कि ये मेथी है!?
पप्पू ने चिड़ियाघर में नौकरी कर ली
उसने शेर के पिंजरे को ताला नहीं लगाया
अफसर- पप्पू तुमने शेर के पिंजरे को ताला क्यों नहीं लगाया?
पप्पू- क्या जरूरत है! इतने खतरनाक जानवर को कौन चुराएगा?
पप्पू को पहले दिन ही निकाल दिया गया
एक कवि की शादी हुई…
पहली मुलाकात में दूल्हे ने अपनी साहित्यक भाषा में अपनी
दुल्हन से बातचीत की शुरुआत कुछ इस तरह से की…
“प्रिय, आज से तुम ही मेरी कविता हो, अभिलाषा हो, भावना हो, कामना हो..”
दुल्हन ने यह सुनकर दूल्हे से कहा…
“मेरे लिए भी आज से तुम ही मेरे मुकेश हो, मितेश हो, राजेश हो, रमेश हो..”
लड़की वाले- जी हमें तो ऐसा लड़का चाहिए जो पान, सिगरेट, दारू ना लेता हो..
सिर्फ उबला हुआ शुद्ध शाकाहारी खाना खाए और दिन रात भगवान का नाम ले
पंडित- ऐसा लड़का तो आपको सिर्फ एम्स के आईसीयू वॉर्ड में ही मिलेगा!