केंद्र सरकार ने आखिरकार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उससे जुड़े संगठनों पर पांच साल की पाबंदी लगा दी है। जिन संगठनों पर पाबंदी लगाई गई है, उनमें कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, रिहैब इंडिया फाउंडेशन, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कन्फेडेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइंजेशन, विमेंस फ्रंट, जूनियर फंर्ट, एंपावर इंडिया फाउंडेशन शामिल हैं।
गृह मंत्रालय ने इन संगठनों के खूनी खेल और काले कारनामों की एक लिस्ट भी जारी की है। इससे पता चलता है कि ये सारे संगठन देश के कई राज्यों में दंगा करवाने, हत्याएं करवाने, देश के खिलाफ साजिश रचने में लिप्त रहे हैं। केंद्रीय जांच एजेंसियों ने देशभर में दो बार छापेमारी कर इस संगठन के 300 से ज्यादा सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पीएफआई के तार खतरनाक आतंकी संगठन आईएसआईएस से भी जुड़े हैं। इसका इरादा देश के लोगों में भय पैदा करना था।
अब आप सोच रहे होंगे कि इतने खतरनाक संगठन को सिर्फ पांच साल के लिए ही क्यों बैन किया गया? इसपर पूरी तरह से प्रतिबंध क्यों नहीं लगा दिया गया? क्या पांच साल बाद फिर से ये संगठन संचालित होने लगेगा? आइए समझते हैं...