केंद्रीय संरक्षित राष्ट्रीय महत्व की जम्मू संभाग में 12 धरोहरों को 15 मई तक बंद कर दिया गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन आने वाले इन साइटों और धरोहरों को बंद करने के संबंध में अधीक्षण सर्वेक्षक विनोद सिंह रावत की ओर से संबंधित जिला उपायुक्तों को लिख दिया गया है। जिला उपायुक्तों को इन धरोहरों तक लोगों को आने से रोकने की जरूरत इसलिए भी है चूंकि इन 12 धरोहरों में से कई मंदिर हैं जहां रोजाना भक्त दर्शनों के लिए पहुंचते हैं।
बीते वर्ष कोरोना महामारी के प्रसार के बीच बंद की गई संभाग की संरक्षित राष्ट्रीय महत्व की धरोहरों को छह जुलाई 2020 को खोल दिया गया था। जिसके बाद कोरोना महामारी की दूसरी लहर तेज होने के साथ ही केंद्र ने एक बार फिर इन्हें बंद करने का फैसला लिया है।
बंद किए गए संरक्षित राष्ट्रीय धरोहरों में कठुआ जिले में बसोहली का त्रिलोचीनाथ मंदिर, बिलावर का हरिहरा (बिल्केश्वर महादेव मंदिर), जम्मू जिले का अखनूर किला और अंबरां साइट्स, उधमपुर जिले की थलौरा में तीन साइट जिनमें देवी भगवती मंदिर भी शामिल है।
इसके अलावा मनवाल में काला डेरा की एक और दो साइट, प्राचीन बबौर मंदिर, क्रिमची और रामनगर के किले सहित दो साइट शामिल हैं।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीक्षण सर्वेक्षक विनोद सिंह रावत ने बताया कि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन जम्मू संभाग में कुल 15 साइटें हैं जिनमें से तीन जलाशयों में समा चुकी हैं। शेष 12 साईटों को तत्काल बंद करवा दिया गया है और इस संबंध में संबंधित जिला उपायुक्तों को लिखा गया है।
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