Medically Reviewed by-
डा. हेम शाह
(सीनियर कंसल्टेंट)
शार्प साईट आई हॉस्पिटल्स
राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में दीपावली के बाद से बढ़ा वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर चिंता का कारण बना हुआ है। विशेषज्ञों की मानें तो हम सभी इस समय जिस हवा में सांस ले रहे हैं, वह हानिकारक गैसों और प्रदूषकों से भरी हुई है, जिसका सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक वायु प्रदूषण को मुख्य रूप से सांस की बीमारियों तक ही सीमित करके देखा जाता है, हालांकि यह शरीर के कई अन्य अंगों के लिए भी क्षति का कारण बन सकता है। आंखों को भी इस जहरीली हवा से गंभीर नुकसान होने का खतरा रहता है।
स्मॉग के रूप में इस समय वातावरण में फैला प्रदूषण हमारी आंखों को प्रभावित कर सकता है, इसके चलते लोगों को एलर्जी, आंखों में जलन या पानी आने, वहीं गंभीर मामलों में आंखों के खराब होने का भी खतरा रहता है। असल में प्रदूषित हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और धूल के कण होते हैं, जिनके संपर्क में आने के कारण आंखों से संबंधित तमाम तरह की समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। आइए इस बारे नेत्र रोग विशेषज्ञ से विस्तार से जानते हैं।
डा. हेम शाह
(सीनियर कंसल्टेंट)
शार्प साईट आई हॉस्पिटल्स
राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में दीपावली के बाद से बढ़ा वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर चिंता का कारण बना हुआ है। विशेषज्ञों की मानें तो हम सभी इस समय जिस हवा में सांस ले रहे हैं, वह हानिकारक गैसों और प्रदूषकों से भरी हुई है, जिसका सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक वायु प्रदूषण को मुख्य रूप से सांस की बीमारियों तक ही सीमित करके देखा जाता है, हालांकि यह शरीर के कई अन्य अंगों के लिए भी क्षति का कारण बन सकता है। आंखों को भी इस जहरीली हवा से गंभीर नुकसान होने का खतरा रहता है।
स्मॉग के रूप में इस समय वातावरण में फैला प्रदूषण हमारी आंखों को प्रभावित कर सकता है, इसके चलते लोगों को एलर्जी, आंखों में जलन या पानी आने, वहीं गंभीर मामलों में आंखों के खराब होने का भी खतरा रहता है। असल में प्रदूषित हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और धूल के कण होते हैं, जिनके संपर्क में आने के कारण आंखों से संबंधित तमाम तरह की समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। आइए इस बारे नेत्र रोग विशेषज्ञ से विस्तार से जानते हैं।