पूरी दुनिया पिछले दो साल से कोरोना संक्रमण के कहर से परेशान है। दिसंबर 2019 में देश में पहली बार कोरोना के मामले सामने आए। एक साल के भीतर दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने मिलकर कोरोना से मुकाबले के लिए वैक्सीन तैयार कर ली। 16 जनवरी 2021 को भारत में टीकाकरण की शुरुआत हुई। आज देश में टीकाकरण अभियान को एक साल पूरे हो रहे हैं। देश में अब तक 156 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज मिल चुकी है। अध्ययनों से पता चलता है कि जिन लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है, उनमें संक्रमण की गंभीरता और इसके कारण होने वाली मौत का खतरा कम होता है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि देश की करीब 92 फीसदी आबादी को टीके की एक डोज जबकि 70 फीसदी आबादी को दोनों डोज मिल चुकी है। पहले 50 करोड़ डोज देने में 203 दिन, 50 से 100 करोड़ डोज में 75 दिन जबकि 100 से 150 करोड़ डोज देने में 82 दिनों का समय लगा। कोविडशील्ड और कोवाक्सिन के साथ देश में शुरू हुए टीकाकरण के सफर में समय के साथ कई अन्य वैक्सीन जुड़ती रहीं। आइए आगे की स्लाइडों में विस्तार से जानते हैं कि अब तक देश में किन टीकों को प्रयोग में लाया जा रहा है और वह कोरोनासंक्रमण के खिलाफ कितनी प्रभावी हैं?
आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि देश की करीब 92 फीसदी आबादी को टीके की एक डोज जबकि 70 फीसदी आबादी को दोनों डोज मिल चुकी है। पहले 50 करोड़ डोज देने में 203 दिन, 50 से 100 करोड़ डोज में 75 दिन जबकि 100 से 150 करोड़ डोज देने में 82 दिनों का समय लगा। कोविडशील्ड और कोवाक्सिन के साथ देश में शुरू हुए टीकाकरण के सफर में समय के साथ कई अन्य वैक्सीन जुड़ती रहीं। आइए आगे की स्लाइडों में विस्तार से जानते हैं कि अब तक देश में किन टीकों को प्रयोग में लाया जा रहा है और वह कोरोनासंक्रमण के खिलाफ कितनी प्रभावी हैं?