वैश्विक स्तर पर जारी कोरोना का संकट फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है। कोरोना के ओमिक्रॉन और इसके सब-वैरिएंट्स के कारण दुनियाभर में संक्रमण के मामलों में तेज उछाल देखने को मिल रहा है। भारत में भी यह वैरिएंट बड़ी समस्याओं का कारण बना हुआ है। तीसरी लहर का प्रमुख कारण माने जा रहे ओमिक्रॉन वैरिएंट के अब तक कई सब-वैरिएंट्स सामने आ चुके हैं, जिनमें से ज्यादातर की संक्रामकता दर काफी अधिक बताई जा रही है।
ओमिक्रॉन BA.2 के बाद हाल ही में BA.4 और BA.5 को लेकर भी अध्ययन में वैज्ञानिकों ने अलर्ट किया है। हालिया रिपोर्ट्स में भारत में भी ओमिक्रॉन के इन दोनों नए वैरिएंट्स के मामलों की पुष्टि की गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए काम कर रहे इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में भारत में ओमिक्रॉन सबवेरिएंट BA.4 और BA.5 के संक्रमण की पुष्टि की है। जीनोम सीक्वेंसिंग के दौरान तमिलनाडु में 19 वर्षीय युवती में भारत के पहले बीए.4 सब-वेरिएंट का पता चला है, वहीं तेलंगाना में एक 80 वर्षीय पुरुष में पहले BA.5 का मामला सामने आया है। आइए जानते हैं कि ओमिक्रॉन के इन दोनों सब-वैरिएंट्स की प्रकृति कितनी खतरनाक है और इससे कितना खतरा हो सकता है?
ओमिक्रॉन BA.2 के बाद हाल ही में BA.4 और BA.5 को लेकर भी अध्ययन में वैज्ञानिकों ने अलर्ट किया है। हालिया रिपोर्ट्स में भारत में भी ओमिक्रॉन के इन दोनों नए वैरिएंट्स के मामलों की पुष्टि की गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए काम कर रहे इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में भारत में ओमिक्रॉन सबवेरिएंट BA.4 और BA.5 के संक्रमण की पुष्टि की है। जीनोम सीक्वेंसिंग के दौरान तमिलनाडु में 19 वर्षीय युवती में भारत के पहले बीए.4 सब-वेरिएंट का पता चला है, वहीं तेलंगाना में एक 80 वर्षीय पुरुष में पहले BA.5 का मामला सामने आया है। आइए जानते हैं कि ओमिक्रॉन के इन दोनों सब-वैरिएंट्स की प्रकृति कितनी खतरनाक है और इससे कितना खतरा हो सकता है?