भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 124वीं जयंती को पूरा देश उत्सव की तरह मना रहा है। भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस के उत्सव की शुरुआत 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन के खास मौके पर करने का ऐलान किया है। नेताजी के जन्मदिन को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाया जाता है। सुभाष चंद्र बोस का जन्म उड़ीसा के कटक में एक संपन्न बंगाली परिवार में हुआ। बचपन में प्रथम श्रेणी में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद सुभाष चंद्र बोस भारतीय प्रशासनिक सेवा की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चले गए। ये भारतीयों के लिए बड़ी उपलब्धि थी कि उन्होंने इस परीक्षा में चौथा स्थान प्राप्त किया था। हालांकि उन्हें अंग्रेजों की गुलामी मंजूर नहीं थी। इसलिए भारतीय प्रशासनिक सेवा को बीच में ही छोड़कर वह भारत आ गए। बहुत कम लोगों को पता होगा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने महात्मा गांधी को सबसे पहले राष्ट्रपिता कहकर पुकारा था। आजाद हिंद फौज, आजाद हिंद सरकार और बैंक की स्थापना की और 10 देशों का इस बाबत समर्थन हासिल किया। वह हर युवा के लिए प्रेरणा है। उन्होंने भारतीयों के रक्त में देशभक्ति की आग लगाने वाला नारा दिया था, 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।' चलिए जानते हैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस के ऐसे ही 10 क्रांतिकारी विचार, जो करेंगे ऊर्जा का संचार।