एतना बड़ा अन्याय हमरे साथ काहे केहिला भगवान... कौउने पाप के सजा हमका देहला... अरे राम... अब हम जी के का करिबे...। ये बोलते-बोलते वो मां फिर से बेहोश हो जाती है, जिसने अपने तीनों ही बच्चे हादसे में गवां दिए हैं। कुशीनगर के विशुनपुरा थानाक्षेत्र का मिश्रौली गांव ऐसी चीत्कारों से गूंज रहा है। गांव निवासी अमरजीत के घर के तीनों ही चिराग बुझ गए हैं।
गुरुवार सुबह दुदही क्रॉसिंग पर हुए हादसे में इस गांव के निवासी अमरजीत के तीनों ही बच्चों ने दम तोड़ दिया। बेटे संतोष, रवि और बेटी रागिनी की मौत से मां-पिता बेहाल हैं। अपने जिगर के टुकड़ों को खोने वाली मां की हालत बिगड़ गई है। होश में आते ही बच्चों को याद करती है... फिर दांत बैठने लगता है और वह फिर से गश खाकर गिर जाती है।
कभी वह भगवान को कोसती है तो कभी उस घड़ी को जब उसने बच्चों को स्कूल के लिए भेजा। होश आते ही बोली- हमका टाटा कहिके गा रहे तीनों लरिका.. नइखे जानत रहेन के अब कबहूं न अइहैं। उसे सांत्वना देने के लिए महिलाओं की भीड़ लगी है लेकिन वे इस क्रंदन को सुनकर खुद को भी नहीं रोक पा रही हैं।
उधर, बच्चों को खोने वाले पिता अमरजीत पूरी तरह टूट चुके हैं। पोस्टमार्टम हाउस पर तीनों बच्चों के शव देखककर वे दहाड़ मारकर रोने लगे। कभी बेटों का सिर सहलाते तो कभी बिटिया को चूमते। बार-बार उन्हें देखते फिर लिपटकर जोर-जोर से रोने लगते। उन्हें ढांढस बंधाने वाले लोगों के भी आंसू नहीं रुक रहे।
मैहिहरवा गांव में भी कोहराम मचा है। यहां दो परिवारों के चार बच्चे हादसे का शिकार हुए हैं। गांव निवासी जहीर के दो बेटों अरसद व अनस और मैनुद्दीन का बेटा मिराज और मुस्कान की मौत से पूरा गांव गमगीन है। दोनों के परिवारीजनों का हाल बेहाल है।