बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन आज (11 अक्टूबर) को ऐतिहासिक महाकाल लोक के लोकार्पण की साक्षी बनने जा रही है। महाकाल लोक में प्रथम चरण का कार्यों को पूरा कर आधुनिक स्वरूप प्रदान किया गया है। श्री महाकालेश्वर मंदिर देश के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है। महाकालेश्वर मंदिर के विस्तार के बाद महाकाल लोक धरती पर देवलोक जैसा आभास कराएगा। परिसर में छोटी-बड़ी करीब 200 मूर्तियां हैं, जो भगवान शिव की लीलाओं का वर्णन कर रही हैं। आज शाम 6:30 बजे पीएम मोदी महाकाल लोक को देश को समर्पित करेंगे, जिसके दो दिन बाद यह दर्शनार्थियों के लिए खोला जाएगा। लेकिन हम आपको महाकाल लोक के लोकार्पण से पहले उन दिव्य प्रतिमाओं के दर्शन तस्वीरों में कराने जा रहे हैं।
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काशी विश्वनाथ मंदिर से भी ज्यादा बड़ा है महाकाल लोक
विस्तार से पूर्व मंदिर परिसर का क्षेत्रफल 2.82 हेक्टेयर था, जो परियोजना पूरी होने के बाद बढ़कर 20.23 हेक्टेयर हो गया है। 900 मीटर लंबी और 25 फीट ऊंची लाल पत्थर की दीवारों पर शिव महापुराण में उल्लेखित घटनाओं को भित्ति चित्र के रूप में चित्रित किया है। कमल कुंड (50 डायमीटर), पंचमुखी शिव स्तंभ (50 फीट), सप्त ऋषि (20 फीट), त्रिवेणी मंडपम (18600 वर्ग फीट क्षेत्र) में बनकर तैयार हुआ है। गलियों का सौन्दर्यीकरण तथा रामघाट पर सिंहस्थ थीम आधारित डायनेमिक लाईट शो किया जाएगा।
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शिव की लीलाओं का चित्रण
सृष्टि की रचना ब्रह्मा जी ने की तो भगवान विष्णु इसके पालक हैं। महादेव को सृष्टि का संहारक माना गया है। भगवान ने दुष्टों के संहार के लिए 9 बार धरा पर अलग-अलग रूपों में अवतार लिया। त्रिपुरासुर का वध करने के कारण त्रिपुरारी कहलाए तो काल का वध करने के बाद महाकाल नाम से जगत में विख्यात हुए। महाकाल लोक में भगवान शिव की कई विशाल प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं, जहां भगवान की लीलाओं का अद्भुत चित्रण किया गया है। महाकाल लोक में देश की सबसे बड़ी भित्ति चित्रों की दीवार उकेरी गई है।
माला के मोती की तरह हैं 108 स्तंभ
महाकाल लोक में 108 विशाल स्तंभ बनाए गए हैं। इन पर भगवान महादेव, शक्ति समेत भगवान गणेश और कार्तिकेय के चित्र उकेरे गए हैं। यह चित्र भी प्रतिमा के स्वरूप में बने हैं और इनमें शिव, शक्ति, कार्तिकेय और गणेश की लीलाओं का वर्णन है। श्रद्धालुओं को मंदिर जाने में सुगमता के लिए 900 मीटर लंबा महाकाल पथ बना है। नवग्रह वाटिका (6 एवं 11 फीट), मुक्ताकाश रंगमंच (लगभग 500 व्यक्ति क्षमता का), स्वागत संकुल की दुकानें, त्रिपुरासुर वध, शिवपुराण आधारित भित्ति चित्र दीवार अपनी मनमोहक आभा बिखेर रही हैं।
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मूर्तियां खुद बताएंगी अपनी कहानी
महाकाल लोक के दर्शन करने आने वाले भक्त मोबाइल से स्कैन कर यहां स्थित प्रतिमाओं की जानकारी पा सकेंगे। 20.25 हेक्टेयर में बने व करीब 920 मीटर लंबे महाकाल प्रांगण की यह विशेषता है। यहां किसी गाइड की आवश्यकता नहीं होगी। मूर्तियां स्वयं ही अपनी कहानी बताते हुए इतिहास की जानकारी देंगी। इसके लिए प्रत्येक प्रतिमा के सामने एक बारकोड है, जिसे मोबाइल से स्कैन करते ही हर छोटी-बड़ी जानकारी मोबाइल स्क्रीन पर उपलब्ध होगी। इससे नई पीढ़ी भी प्राचीन कथाओं को सहजता से समझ सकेगी।
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