भारत अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान पूरे देश में लागू हुआ था। इस मौके पर हर साल 26 जनवरी को पूरा देश हर्षाल्लास से मनाता है। ब्रिटिश शासन से आजादी दिलाने में भारतीय नारियों का विशेष योगदान था, तो वहीं आजाद भारत के संविधान के निर्माण में 15 महिलाओं की अहम भूमिका थी। 1947 के बाद से साल 2022 तक भारत को विश्व के सशक्त देशों की सूची में लाने और पूरी दुनिया में भारत का नाम रौशन करने में देश की मातृत्व शक्ति की भूमिका हमेशा ही सशक्त रही है। गणतंत्र दिवस के मौके पर महिला सशक्तिकरण का झंडा लहराने वाली कुछ प्रसिद्ध महिलाओं के बारे में यहां बताया जा रहा है। दुनियाभर के सामने इन महिलाओं के जज्बे, मेहनत और लगन के कारण ही भारत के हर नागरिक का सिर फक्र से उठता है। चलिए जानते हैं कुछ भारतीय नारियों की सफलता की कहानी।
अरुणिमा सिन्हा
माउंट एवरेस्ट पर कई लोगों ने फतह की होगी लेकिन साल 2013 में भारत की पहली दिव्यांग महिला अरुणिमा सिन्हा ने माउंट एवरेस्ट पर पहुंच कर दुनियाभर में भारतीय महिलाओं की बल का परिचय दिया। साल 2011 में अरुणिमा सिन्हा को बदमाशों ने चलती ट्रेन से बाहर फेंक दिया। इस घटना में अरुणिमा बाएं पैर से अपंग हो गईं। लेकिन अरुणिमा ने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत व लगन से दो साल बाद एवरेस्ट पर फतह कर ली। अरुणिमा के नाम कई और उपलब्धियां भी हैं। अरुणिमा अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट विंसन पर भारत की तिरंगा फहराकर दुनिया की पहली दिव्यांग महिला बन गईं। अरुणिमा वाॅलीबाॅल की राष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुकी हैं। उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
कल्पना चावला
भारत तकनीकी की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है। भारत के साथ ही देश की महिलाओं की भागीदारी भी तकनीकी और विज्ञान की तरफ उतनी ही बढ़ रही है। कल्पना चावला इस दिशा में पहला कदम रखने वाली महिला हैं। अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला कल्पना चावला हैं। उनकी इस उपलब्धि पर पूरे देश को मान है।
अवनी चतुर्वेदी
मध्य प्रदेश के रीवा में जन्मी अवनी चतुर्वेदी भारत की पहली महिला फाइटर पायलट हैं। अवनी के साथ ही मोहना सिंह और भावना कांत को भी भारतीय वायुसेना में लड़ाकू स्क्वाड्रन चुना गया था। इन तीन महिलाओं के चयन से पहले भारतीय वायुसेना में महिलाओं को फाइटर प्लेन उड़ाने की अनुमति नहीं थी।साल 2018 अकेले MiG-21 लड़ाकू विमान उड़ाने के बाद अवनी पहली भारतीय महिला पालट बन गईं। इस समय भारत के बेड़े में सबसे दमदार लड़ाकू विमान राफले शामिल हो गया है, जिसे उड़ाने के लिए पहली महिला पायलट के तौर पर शिवांगी सिंह का चयन हुआ है। शिवांगी सिंह नौसेना की पहली महिला पायलट हैं।
गीता गोपीनाथ
साल 2018 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में पहली भारतीय मुख्य अर्थशास्त्री की नियुक्त हुई, जिनका नाम है गीता गोपीनाथन। गीता गोपीनाथ ने हार्वर्ड से अर्थशास्त्र की पढ़ाई पूरी की है। गीता गोपीनाथ के नाम एक बड़ी उपलब्धि और है। वह मशहूर अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के बाद हार्वर्ड के अर्थशास्त्र विभाग में स्थायी सदस्यता हासिल करने वाली दूसरी भारतीय हैं। असके अलावा गीता गोपीनाथ ने 2011 के वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की ओर से यंग ग्लोबल लीडर का खिताब भी हासिल किया है। 2014 में आईएमएफ द्वारा जारी की गई दुनिया के 25 शीर्ष के अर्थशास्त्रियों की लिस्ट में गीता गोपीनाथ का भी नाम शामिल था।