हिमाचल की फल एवं सब्जी मंडियों में आढ़तियों का कमीशन पांच से घटाकर दो फीसदी किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश विधानसभा के चल रहे मानसून सत्र में कृषि उत्पाद मंडी समिति (एपीएमसी) संशोधन बिल-2019 पेश किया जाएगा। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस बिल के ड्राफ्ट पर चर्चा हुई।
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश खाद्य सुरक्षा नियमों को भी मंजूरी दी गई। मिलावटयुक्त खाद्य वस्तुएं खिलाने के मामले में अपील के लिए फूड कमिश्नर नियुक्ति होगा और पंचायत स्तरीय कमेटियां बनेंगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में मंगलवार को विधानसभा परिसर में हुई कैबिनेट बैठक में एपीएमसी एक्ट 2005 के स्थान पर नया एक्ट बनाने पर चर्चा हुई।
नए बिल एपीएमसी (प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन) विधेयक 2019 के ड्राफ्ट पर चर्चा की गई। इन नियमों में स्पष्ट है कि सब्जी और फल मंडियों मेें आढ़ती किसानों-बागवानों की उपज पर केवल दो फीसदी कमीशन ही लेंगे। जल्दी सड़ने वाली फसल पर ही चार फीसदी कमीशन होगा।
अभी तक सबके लिए यह पांच फीसदी है। किसान-बागवान खुद भी व्यापारियों को माल बेच पाएंगे। इसके लिए भी कानून तैयार किया जा रहा है। 60 सब्जी मंडियां ई-नाम से जोड़ी जाएंगी। आढ़तियों का पंजीकरण अब ऑनलाइन होगा।
आढ़तियों और व्यापारियों का एक बार ही लाइसेंस बनेगा, जो देश भर की मंडियों में मान्य होगा। कैबिनेट ने मिलावटी खाद्य वस्तुएं बेचने वाले कारोबारियों पर कड़ी कार्रवाई के प्रावधान के लिए नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट की धारा 40 के तहत नियम लागू करने को मंजूरी दी।