आमलकी एकादशी आज है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, यह व्रत हर साल फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन रखा जाता है। इसे रंगभरी एकादशी और आंवला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति आमलकी एकादशी व्रत को विधि-विधान से रखता है उसे भगवान विष्णु जी का आशीर्वाद मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में एकादशी तिथि का खास महत्व है। यह तिथि सभी तिथियों में श्रेष्ठ है। नियमानुसार, इस दिन कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक होता है।
चावल का सेवन न करें
आमलकी एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इस दिन चावल खाने से मनुष्य अगले जन्म में रेंगने वाले जीव योनि में जन्म लेता है इसलिए इस दिन भूलकर भी चावल का सेवन न करें।
संयम और सात्विक रहें
एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की आराधना और उनके प्रति समर्पण के भाव को दिखाता है। एकादशी के दिन खान-पान और व्यवहार में संयम और सात्विकता का पालन करना चाहिए।
क्रोध से बचें
एकादशी का दिन भगवान की आराधना का दिन होता है इसलिए इस दिन सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए और शाम के वक्त सोना भी नहीं चाहिए। इसके अलावा इस दिन न तो क्रोध करना चाहिए और न ही झूठ बोलना चाहिए।
कटु शब्दों का प्रयोग न करें
सभी तिथियों में एकादशी कि तिथि बहुत शुभ मानी गई है। एकादशी का लाभ पाने के लिए इस दिन किसी को कठोर शब्द नहीं कहना चाहिए। लड़ाई-झगड़ा से बचना चाहिए।