शास्त्रों के नियमानुसार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानी पहली तिथि को चैत्र नवरात्र आरंभ होता है। यह तिथि सृष्टि आरंभ की तिथि भी मानी जाती है इसलिए इस दिन घरों में कलश स्थापित करके मां दुर्गा और नवग्रहों की पूजा का नियम है। मान्यता है कि नववर्ष मंगलमय और सुख-शांति से गुजरे इसके लिए शांति कलश की स्थापना करनी चाहिए और रोग, शोक और दुख रूपी असुर के प्रभाव से रक्षा हो इसके लिए मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जानी चाहिए। कलश की स्थापना के विषय में शास्त्रों में कहा गया है कि यह शुभ मुहूर्त में होने चाहिए। पंचांग के अनुसार इस वर्ष कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त देखिए।
8 अप्रैल से चैत्र नवरात्र आरंभ, यह है कलश बैठाने का शुभ मुहूर्त
शास्त्रों के नियमानुसार सूर्योदय के बाद की 10 घड़ी तक या मध्याह्न में अभिजित मुहूर्त के समय चैत्र शुक्ल प्रतिपदा में नवरात्रारंभ व कलश स्थापन किया जाना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार इस विहितकाल में प्रतिपदा तिथि की पहली 16 घड़ियां तथा चित्रा नक्षत्र एवं वैधृति योग का संपर्क जब हो तब कलश नहीं बैठाना चाहिए।
8 अप्रैल से चैत्र नवरात्र आरंभ, यह है कलश बैठाने का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 8 अप्रैल के दिन वैधृति योग सुबह 10 बजकर 44 मिनट तक है। इसलिए कलश बैठाने के लिए 10 बजकर 44 मिनट के बाद का समय चुनना चाहिए। हलांकि इस दिन राहुकाल 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक है इसलिए बेहतर होगा कि अभिजित मुहूर्त में 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट के बीच करें।