इस साल आषाढ़ अमावस्या 9 जुलाई के दिन पड़ रही है। यदि आपके जीवन में कालसर्प दोष या पितृदोष जैसी समस्याएं हैं, तो आप इस अमावस्या के दिन आगे बताए गए उपायों को अपना कर इससे निजात पा सकते हैं। हर माह की अमावस्या तिथि को पितृदोष और कालसर्प दोष को दूर करने के लिए काफी शुभ माना जाता है। अगर इस दिन कुछ उपायों को अमल में लाया जाए तो जीवन से कई सारी कठिनाइयां दूर हो सकती हैं और व्यक्ति का जीवन खुशहाल बन सकता है। कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या आती है। मान्यता है कि कालसर्प दोष और पितृदोष के निवारण के लिए ये तिथि काफी शुभ होती है। इस समय आषाढ़ का महीना चल रहा है। इस महीने में आने वाली अमावस्या को आषाढ़ अमावस्या के नाम से जाना जाता है, जो कि कल है। अगर इस दिन कुछ विशेष उपायों को अपनाया जाए तो जीवन से कई सारी दिक्कतों को दूर किया जा सकता है। आइए जानते हैं -
काल सर्प दोष को काफी अशुभ माना गया है। इस दोष के चलते जीवन के कई महत्वपूर्ण कार्यों में रुकावट आती हैं। अगर कालसर्प दोष आपकी कुंडली में विराजमान है तो आपको अमावस्या के दिन चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा बनवाकर एक पवित्र नदी के किनारे पंडित के मार्गदर्शन में उसकी पूजा करनी चाहिए। पूजा करने के बाद नाग-नागिन के जोड़े को जल में प्रवाहित कर दें। इसके अलावा आप किसी सपेरे से नाग नागिन के जोड़े को खरीद कर उसे एक जंगल में मुक्त कर सकते हैं। इससे कुंडली में मौजूद कालसर्प का दोष खत्म हो जाता है।
यदि आपके जीवन में कई समस्याएं आ रही हैं और बनता हुआ काम बिगड़ रहा है। ऐसे में आपको आषाढ़ अमावस्या के दिन राम का नाम लेकर आटे की गोलियां बनानी चाहिए। इन गोलियों को बनाने के बाद इसे तालाब और नदी में तैर रही मछलियों को खिलाना चाहिए। इसे करने से जीवन से कई संकट दूर हो जाते हैं।
आप छोटी-छोटी चीटियों को आटा और चीनी मिलाकर भी खिला सकते हैं। ऐसा करने से जीवन के भीतर से कई संकट दूर हो जाते हैं। भाग्य में कई अच्छी चीजें घटित होने लगती हैं। व्यक्ति को आर्थिक क्षेत्र में काफी लाभ अर्जित होता है।
अगर आपकी कुंडली में पितृदोष है, तो आपको इस अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त गीता का पाठ जरूर करना चाहिए। इस दिन आपको एक पीपल का पेड़ लगाना चाहिए और आने वाले वक्तों में इसकी देखरेख भी करनी चाहिए। मान्यता है कि जैसे-जैसे यह वृक्ष बढ़ता है वैसे-वैसे जीवन के सारे संकट दूर होते चले जाते हैं।