आचार्य चाणक्य को उनकी बुद्धिमत्ता और विभिन्न विषयों में पारंगत होने के कारण आज भी श्रेष्ठ विद्वानों की श्रेणी में रखा जाता है। वे एक कुशल रणनीतिकार, कूटनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे। उनके द्वारा कई शास्त्रों की रचना की गई। ये शास्त्र आज भी मानव के लिए उपयोगी हैं। उनके द्वारा लिखें गए शास्त्रों में से नीतिशास्त्र की बातें आज भी जनमानस में लोकप्रिय हैं। नीतिशास्त्र में मनुष्य के जीवन से संबंधित महत्वपूर्ण बातों का जिक्र किया गया है। यदि जीवन में इन बातों को ध्यान में रखा जाए तो कई परेशानियों से बचा जा सकता है और सुखमय जीवन व्यतीत किया जा सकता है। नीतिशास्त्र में कुछ ऐसी ही बातें बताई गई हैं जिनके बारे में दूसरों से जिक्र नहीं करना चाहिए अन्यथा जीवन में अपमान न नुकसान उठाना पड़ता है।
पति-पत्नी के मध्य की बातें-
नीतिशास्त्र के अनुसार व्यक्ति को कभी भी अपने दांपत्य जीवन की बातें किसी और से साझा नहीं करनी चाहिए। पति-पत्नी के मध्य का वार्तालाप स्वयं तक ही रखना चाहिए। खासतौर पर यदि आपके और जीवनसाथी के बीच किसी प्रकार का झगड़ा हो तो किसी तीसरे से इस बात का जिक्र भूलकर भी नहीं करना चाहिए चाहे वह आपका कितना भी विश्वासपात्र मित्र ही क्यों न हो। इससे आपको आगे चलकर मान-सम्मान की हानि उठानी पड़ती है। इसके साथ ही आपके रिश्ते में दरार भी आती है।
किसी स्थान पर हुआ अपमान-
नीतिशास्त्र कहता है कि यदि कहीं पर आपका अपमान हुआ हो तो भूलकर भी उसका जिक्र किसी के सामने नहीं करना चाहिए। इससे आपको उपहास का पात्र बनना पड़ सकता है।
कार्य संबंधी योजना-
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कभी भी अपने कार्य से संबंधित महत्वपूर्ण बातों या योजना का जिक्र किसी अन्य व्यक्ति के सामने नहीं करना चाहिए। इससे आपको कार्यक्षेत्र में नुकसान उठाना पड़ सकता है। किसी को बताए गए कार्य में सफलता प्राप्त करने की संभावना कम हो जाती है। इसलिए कार्य पूर्ण होने के बाद ही किसी को बताना चाहिए।
पारिवारिक गुप्त बातें-
यदि आपके परिवार में किसी प्रकार की कलह है तो भूलकर भी घर की बातों का जिक्र किसी के साथ नहीं करना चाहिए। इससे आपको अपमान का सामना तो करना ही पड़ता है साथ ही समय आने पर लोग आपके रिश्तों में दरार का अनुचित लाभ उठा सकते हैं।