स्वस्थ शरीर के लिए हड्डियों का स्वस्थ और मजबूत होना जरूरी होता है। हड्डियों में होने वाली समस्या का असर पूरे शरीर पर पड़ता है। पहले हड्डियों की कमजोरी को उम्र के साथ बढ़ने वाली समस्या के तौर पर देखा जाता था। बूढ़े शरीर की हड्डियां कमजोर होने लगती थीं लेकिन आजकल कम उम्र में ही लोगों की हड्डियां कमजोर होने लगी हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, इसकी वजह खराब जीवनशैली और आहार में पौष्टिकता की कमी है। हड्डियां कमजोर होने से जोड़ों में दर्द, गठिया और भी कई समस्याएं बढ़ जाती हैं। लेकिन समय रहते आप हड्डियों से जुड़ी समस्याओं पर नियंत्रण करके आराम पा सकते हैं। इसके लिए आज के दौर में पौष्टिक आहार की मात्रा बढ़ाने के साथ ही नियमित योगासन के अभ्यास की भी जरूरत है। योगासन करने से जोड़ों में दर्द और गठिया जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। आगे की स्लाइड्स में जानिए जोड़ों में दर्द, गठिया समेत तमाम हड्डियों संबंधित समस्याओं से छुटकारा दिलाने वाले योगासन के बारे मे।
वीरभद्रासन
वीरभद्रासन योग का नियमित अभ्यास हड्डियों के घनत्व को बढ़ाता है और उन्हें स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। इस आसन को करने के लिए अपने पैरों को कूल्हे की चौड़ाई से अलग करके खड़े हो जाएं। अब अपने बाईं ओर एक बड़ा कदम उठाएं और घुटनों को 90 डिग्री के कोण पर मोड़ दें। फिर दाहिने पैर को लगभग 15 डिग्री अंदर की ओर मोड़ें। वहीं दाहिने पैर की एड़ी बाएं पैर के केंद्र में रखें। इसके बाद दोनों हाथों को साइड में उठाएं और कंधों के स्तर पर ले जाएं। इस दौरान हथेलियां ऊपर की ओर होनी चाहिए। इसी अवस्था में रहते हुए गहरी सांस लें। अब सिर को बाईं ओर मोड़ें। कुछ देर बाद पुरानी अवस्था में आ जाएं।
वृक्षासन
इस आसन को ट्री पोज भी कहते हैं। वृक्षासन करने से आपकी पीठ, कोर और पैर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। वृक्षासन करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं। अब दाहिने पैर को मोड़ते हुए बाएं पैर की जांघ पर रखें। गहरी सांस लेते हुए हथेलियों को सीने के सामने नमस्कार की मुद्रा में लाएं। इस दौरान रीढ़ सीधी रखें। आसन को दूसरे पैर के साथ भी दोहराएं।
सेतुबंधासन
इस योगासन को ब्रिज पोज के नाम से भी जाना जाता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से पीठ, पैर के साथ शरीर की हड्डियां मजबूत होती हैं। सेतुबंधासन से कमर के दर्द में भी राहत मिलती है। इस आसन को करने के लिए पीठ के बल लेट कर अपने पैरों को कंधे की चौड़ाई से थोड़ा अलग करते हुए घुटनों को मोड़ लें। अब हथेलियों को खोलते हुए हाथ को बिल्कुल सीधा जमीन पर सटा कर रखें। सांस लेते हुए कमर के हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं और कंधे और सिर को सपाट जमीन पर ही रखें रहें। सांस छोड़ते हुए दोबारा से पूर्ववत स्थिति में आ जाएं।
नोट: यह लेख योगगुरु के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। आसन की सही स्थिति के बारे में जानने के लिए किसी विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।
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