बुलंदशहर में गोहत्या को लेकर हुए बवाल में स्याना कोतवाली के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार राठौर शहीद हो गए। इंस्पेक्टर के शहीद होने की जानकारी मिलते ही परिजनों के साथ गांव में कोहराम मच गया। शहीद के परिजन बुलंदशहर रवाना हो गए। पिता की मौत के बाद इंस्पेक्टर को पुलिस विभाग में तैनाती मिली थी।
बुलंदशहर बवाल: शहीद पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के गांव में पसरा सन्नाटा, हर कोई गमगीन
थाना जैथरा क्षेत्र के गांव तरिगवां निवासी रामप्रताप राठौर पुलिस में एसआई के पद पर तैनात थे। बीमारी के कारण 1994 में उनकी मौत हो गई थी। पिता की जगह पर 1995 में सुबोध कुमार राठौर को पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर नौकरी मिली। इंस्पेक्टर सुबोध कुमार झांसी, मेरठ, मथुरा के बाद बुलंदशहर जिले में तैनात थे।
बुलंदशहर बवाल: शहीद पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के गांव में पसरा सन्नाटा, हर कोई गमगीन
बुलंदशहर में तैनात इंस्पेक्टर साथियों के साथ मिलकर वो सोमवार को एक मामले में दबिश देने गए थे। तभी उपद्रवियों ने पथराव और फायरिंग कर दी। इसमें सुबोध कुमार राठौर की मौत हो गई। घटना की जानकारी पर परिजनों में कोहराम मच गया और परिजन रोने बिलखने लगे।
बुलंदशहर बवाल: शहीद पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के गांव में पसरा सन्नाटा, हर कोई गमगीन
सूचना मिलते ही परिजन आनन-फानन में बुलंदशहर रवाना हो गए। मामले की जानकारी पर गांव में भी सन्नाटा फैल गया। गांव के लोग मृतक के घर पहुंचे, जहां परिवार के लोगों को शोक संवेदना व्यक्त करने लगे। वर्तमान में इंस्पेक्टर का परिवार नोएडा में रहता है।
बुलंदशहर बवाल: शहीद पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के गांव में पसरा सन्नाटा, हर कोई गमगीन
परिजनों ने बताया कि मृतक इंस्पेक्टर दो भाइयों में छोटे थे। उनके बड़े भाई अतुल कुमार राठौर सेना से सेवानिवृत्त हैं, जो दिल्ली में अपना निजी व्यापार करते है। वहीं शहीद सुबोध के भी दो बेटे है। इनमें श्रेय (21) और अभिषेक (19) वर्ष है। पति के शहीद होने के बाद पत्नी रजनी का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था।