एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या की वारदात के बाद परिजनों व ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश रहा। खासतौर पर वह स्थानीय पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर वह बेहद नाराज थे। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षियों से उनके परिवार का दो साल से विवाद चल रहा था। उन पर कई बार हमला भी किया गया। शिकायत लेकर वह घूमते रहे लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी। यहां तक कि थाने से ही भगा दिया जाता। दो महीने पहले हुई मारपीट में रिपोर्ट तो दर्ज की लेकिन विपक्षियों से साठ-गांठ कर क्रॉस एफआईआर भी दर्ज कर ली।
मृतक फूलचंद का भाई किशन ने आरोप लगाया कि विपक्षियों ने उनके परिवार का जीना मुश्किल कर रखा है। दो साल से उनका विवाद चल रहा है। कई बार उसके घर में घुसकर मारपीट की गई। राह चलते महिलाओं को धमकाया जाता था। थाने जाने पर हर बार शिकायत अनसुनी कर दी जाती थी। सितंबर 2019 में मारपीट, धमकी देने के मामले में सोरांव थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। जबकि मामले में एससी-एसटी की धाराएं भी लगी थीं। इसी साल 21 सितंबर को रात 8.30 बजे घर में घुसकर आरोपियों ने न सिर्फ मारपीट बल्कि तोड़फोड़ भी की।
साथ ही जान से मारने की धमकी देकर भाग निकले। घटना की सूचना पर डायल 100 की गाड़ी भी पहुंची लेकिन थाने जाने पर रिपोर्ट नहीं दर्ज की गई। एसएसपी कार्यालय में शिकायत पर आठ दिन बाद यानी 29 सितंबर को एफआईआर तो दर्ज की गई। लेकिन महज एक घंटे बाद ही विपक्षियों से तहरीर लेकर क्रॉस एफआईआर लिख दी गई। इसमें पीड़ित परिवार को ही मारपीट, धमकी देने के साथ ही छेड़छाड़ का भी आरोपी बना दिया गया।
मृतक के परिवार की ही रीना देवी ने बताया कि पुलिस ने उनके मुकदमे में तो कोई कार्रवाई नहीं की। लेकिन विपक्षियों से सांठगांठ कर उल्टा उनके ही परिवार के दो सदस्यों का शांतिभंग में चालान कर दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि उनकी शिकायतों पर फाफामऊ पुलिस गंभीर होती तो शायद यह वारदात न होती।
इंस्पेक्टर-सिपाही बना रहे थे दबाव
मृतकों के परिजनों ने फाफामऊ थाने के प्रभारी निरीक्षक रामकेवल पटेल व सिपाही सुशील कुमार सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। यहं तक कि तहरीर में भी उनका नाम लिखा है। आरोप लगाया है कि विपक्षी लगातार मारपीट, धमकाते रहे लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई। उल्टा इंस्पेक्टर व सिपाही पीड़ित परिवार पर ही मुकदमा वापस लेने और सुलह करने का दबाव बना रहे थे। इतना ही नहीं वह खुलेआम मुल्जिमों की मदद कर रहे थे। तहरीर में यह भी आरोप लगाया गया है कि उपरोक्त पुलिसकर्मियों की शह पर ही आरोपियों ने इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दिया।
महिला समेत चार नामजद आरोपी हिरासत में
मामले में नामजद कराए गए 11 लोगों में से चार आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इनमें बबली पत्नी अमित सिंह नाम की महिला भी शामिल है। इसके अलावा हिरासत में लिए गए अन्य लोगों में आकाश, रवि व मनीष शामिल हैं। बता दें मृतक के भाई ने जिन लोगों को नामजद कराया है उनमें उपरोक्त आरोपियों के अलावा अमित सिंह, अभय, राजा, रंचू, कुलदीप, कान्हा ठाकुर, अशोक सिंह शामिल हैं। एसपी गंगापार अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि हिरासत में लिए गए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। जबकि अन्य की तलाश में टीमें लगाई गई हैं।
फिलहाल इंस्पेक्टर समेत दो पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। परिजनों ने जिन मुकदमों के बारे में बताया है, उनके बारे में जानकारी कराई जा रही है। कार्रवाई में देरी हुई तो इसकी वजह क्या रही, यह भी पता लगवाया जा रहा है। जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई होगी। - राकेश सिंह, आईजी प्रयागराज रेंज