हौसला और ड्यूटी के प्रति कर्तव्यनिष्ठा हो तो क्या कुछ नहीं हो सकता। उत्तर प्रदेश के बिजनौर में ऐसी ही कर्तव्यनिष्ठा निभाते हुए एक शिक्षक ने अपने दो सहायक शिक्षकों के साथ मिलकर उच्च प्राथमिक स्कूल इब्राहिमपुर सादो की शिक्षा और व्यवस्था की ऐसी सूरत बदली कि स्कूल मे 35 बच्चों की संख्या बढ़कर 188 पहुंच गई। लोगों ने प्राइवेट स्कूलों से निकालकर सरकारी स्कूल में बच्चों के दाखिले कराए। एडमिशन के लिए मारामारी मची तो तो स्कूल के बाहर नो एडमिशन तक का बोर्ड लगाना पड़ा।
नहटौर ब्लॉक के गांव इब्राहिमपुर सादो उर्फ अलीनगर के उच्च प्राथमिक विद्यालय में बच्चों की संख्या क्षमता से अधिक होने पर स्कूल के बाहर नो एडमिशन का बोर्ड लगा दिया गया है। उच्च प्राथमिक विद्यालय के बाहर नो एडमिशन का बोर्ड लगा होने की बात पर शायद यकीन करना मुश्किल हो, लेकिन विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य रामअवतार सिंह ने यह सच कर दिखाया है। दो सहायक शिक्षक मुनीश कुमार व बीना ऋषि के साथ मिलकर ऐसी शिक्षा और व्यवस्था बनाई कि स्कूल की 35 बच्चों की संख्या बढ़कर 188 हो गई और ब्लॉक का एकमात्र इंग्लिश मीडियम उच्च प्राथमिक विद्यालय बन गया।
नहटौर ब्लॉक के गांव इब्राहिमपुर सादो उर्फ अलीनगर के उच्च प्राथमिक विद्यालय में बच्चों की संख्या क्षमता से अधिक होने पर स्कूल के बाहर नो एडमिशन का बोर्ड लगा दिया गया है। उच्च प्राथमिक विद्यालय के बाहर नो एडमिशन का बोर्ड लगा होने की बात पर शायद यकीन करना मुश्किल हो, लेकिन विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य रामअवतार सिंह ने यह सच कर दिखाया है। दो सहायक शिक्षक मुनीश कुमार व बीना ऋषि के साथ मिलकर ऐसी शिक्षा और व्यवस्था बनाई कि स्कूल की 35 बच्चों की संख्या बढ़कर 188 हो गई और ब्लॉक का एकमात्र इंग्लिश मीडियम उच्च प्राथमिक विद्यालय बन गया।