बिजनौर में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. विजय कुमार ने एनआईए के डीएसपी तंजील अहमद और उनकी पत्नी फरजाना की हत्या को विरल से विरलतम की श्रेणी में माना है और दोषी गैंगस्टर मुनीर और रैय्यान को फांसी की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा है कि गोलियों की 33 चोटें क्रूरता की पराकाष्ठा की द्योतक है और न्याय के शासन व धर्म को चुनौती है।
मुनीर के चेहरे पर नहीं दिखा खौफ, हंसता रहा
साढ़े तीन बजे वज्र वाहन में भारी सुरक्षा के बीच पुलिस कुख्यात गैंगस्टर मुनीर को लेकर जजी परिसर में पहुंची। करीब एक घंटा तक वाहन में ही बैठा रहा। फांसी की सजा हो जाने के बाद भी मुनीर के चेहरे पर कोई खौफ नहीं दिखाई दिया। वह वज्र वाहन में बैठा हुआ मुस्कुराता रहा, बीच-बीच में खिलखिला कर हंसता भी रहा।
मुनीर के चेहरे पर नहीं दिखा खौफ, हंसता रहा
साढ़े तीन बजे वज्र वाहन में भारी सुरक्षा के बीच पुलिस कुख्यात गैंगस्टर मुनीर को लेकर जजी परिसर में पहुंची। करीब एक घंटा तक वाहन में ही बैठा रहा। फांसी की सजा हो जाने के बाद भी मुनीर के चेहरे पर कोई खौफ नहीं दिखाई दिया। वह वज्र वाहन में बैठा हुआ मुस्कुराता रहा, बीच-बीच में खिलखिला कर हंसता भी रहा।