आंचल खरबंदा की मौत के मामले में उनके मायके वाले शुरू से ही सीधे हत्या कर शव लटकाने का आरोप लगा रहे हैं। इस पर पर्यवेक्षण अधिकारी एडिशनल सीपी क्राइम आनंद प्रकाश तिवारी ने जांच शुरू कर दी है। गुरुवार को उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया। साथ ही हत्या के बिंदु पर साक्ष्य जुटाना शुरू कर दिया है। उन्होंने आंचल की पोस्टमार्टम और फोरेंसिक जांच रिपोर्ट भी देखी। पुलिस कमिश्नर असीम अरुण का कहना है कि आंचल ने जिन-जिन के नाम पत्र में लिखे थे। उनके खिलाफ साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। सुबूत जुटाने के बाद उनको भी जेल भेजा जाएगा। आंचल की मौत के बाद से ही परिजन हत्या का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैंगिंग की पुष्टि हुई थी। परिजनों ने इस रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए थे।
उधर, फोरेंसिक रिपोर्ट में भी खुदकुशी की तरफ ही इशारा हुआ था। केस की विवेचना में किसी तरह की गड़बड़ी न हो और दोषी न बच पाएं, इसलिए पुलिस कमिश्नर ने केस का पर्यवेक्षण एडिशनल सीपी क्राइम को सौंपा है। गुरुवार को घटनास्थल पहुंचे एडिशनल सीपी ने कुछ लोगों से बातचीत कर जानकारी ली।
पीड़ित परिजनों से भी घटना के बारे में पूछा। चूंकि परिजन हत्या कर शव लटकाने का आरोप लगा रहे हैं, इसलिए जांच हत्या के बिंदु पर की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद जो सुबूत सामने आएंगे, पुलिस उस आधार पर कार्रवाई करेगी।
अशोक नगर निवासी मसाला कारोबारी सूर्यांश खरबंदा की पत्नी आंचल का शव 19 नवंबर की रात घर के बाथरूम में फांसी के फंदे से लटकता मिला था। मामले में दहेज हत्या का केस दर्ज कर सूर्यांश और उसकी मां निशा को पुलिस जेल भेज चुकी है। मामले में पुलिस अन्य नामजद छह आरोपियों की भूमिका तलाश रही है।
आंचल के परिजनों ने गुरुवार को विवेचक से मिलकर उन्हें आरोपियों के संबंध में सभी साक्ष्य सौंपे हैं। इसमें पेन ड्राइव में दो ऑडियो, नौ फाइलों में व्हाट्सएप चैट, मारपीट के निशान वाली आंचल की तस्वीरें, नौकरानी और घटनास्थल का वीडियो शामिल है। विवेचक ने इन साक्ष्यों को केस डायरी में शामिल करने का आश्वासन दिया है।