दिल्ली में हुई हिंसा के बाद कानपुर सहित आसपास के 13 जिलों में जुमे की नमाज को लेकर कड़ी चौकसी बरती गई। मुस्लिम बहुल क्षेत्रों और मिश्रित आबादी में मस्जिदों के आसपास और प्रमुख चौराहों पर पुलिस बल तैनात रहा। जुमे की नमाज में इमामों ने दिल्ली में शांति और भाईचारा और शहर में अमन-ओ-अमान कायम रहने की दुआ कराई।
सीएए-एनआरसी के विरोध में शहर में दो महीने से आंदोलन जैसे हालात बन गए थे। इसमें तीन लोगों की गोली लगने से मौत भी हुई थी। वहीं, दिल्ली के हालात के मद्देनजर भी शहर में शुक्रवार को अलर्ट रहा। हलीम कॉलेज चौराहा, चमनगंज में हालात सामान्य रहे, लोग नमाज अदा करने के बाद घर और काम धंधे पर चले गए।
चमनगंज की शफियाबाद मस्जिद में कारी कासिम हबीबी, दादामियां चौराहा मस्जिद में सैयद अबुल बरकात नजमी, गुलाब घोसी मस्जिद में मौलाना अब्दुर्रज्जाक, नानपारा मस्जिद यतीमखाना में मौलाना मेराज अशरफी ने दिल्ली में अमन की दुआ कराई। सीसामऊ सीओ त्रिपुरारी पांडेय पुलिस बल के साथ हलीम कॉलेज चौराहे पर तैनात रहे।
दिल्ली और अलीगढ़ में भड़की हिंसा के बाद पुलिस प्रशासन ने शुक्रवार को शहर के चमनगंज, बेकनगंज, कर्नलगंज, अनवरगंज, बजरिया, यतीमखाना, बाबूपुरवा, मछरिया आदि इलाकों में खासा एहतियात बरता। ड्रोन से छतों की निगरानी की गई। सुबह से ही सभी इलाकों में क्षेत्रीय पुलिस के साथ क्यूआरटी ने मार्चपास्ट किया।
आईजी मोहित अग्रवाल व डीआईजी अनंतदेव ने इलाकों में पहुंच कर लोगों से शांति व्यवस्था कायम रखने की अपील की। डीआईजी ने बताया कि सभी थानों में एक दिन पहले ही एस 10 के सदस्यों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए थे। शुक्रवार को नमाज पढ़ने के बाद मौलवियों ने खुद ही मस्जिदों के बाहर खड़े होकर अकीदतमंदों से घर लौटने की अपील की, जिसका असर भी देखने को मिला। कहीं भी किसी प्रकार का कोई विरोध या हिंसा देखने को नहीं मिली। शहर ने एकता की मिसाल कायम की।