आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर हादसों का कहर थम नहीं रहा है। शनिवार सुबह प्राइवेट बस की तेज रफ्तार व चालक की लापरवाही ने चार मासूमों समेत पांच लोगों की जान ले ली। हादसे में घायल माता-पिता को उनके बच्चों की मौत की जानकारी नहीं दी गई है। बिहार के लखनौर के खरघेरी निवासी रामविनोद यादव (35) परिवार के साथ गुरुग्राम में रहते हैं।
रामविनोद की पत्नी बेबीदेवी की बहन विवेखा की 30 मई को शादी है। शादी के लिए रामविनोद पत्नी व बच्चों के साथ बिहार जा रहा था। हादसे में रामविनोद के बेटे इंद्रकुमार (6) व नंदिनी (8) की मौत हो गई। जबकि रामविनोद, उसकी पत्नी बेबी व तीन साल की बेटी वंदना घायल हो गई।
बिहार के फुलपरास निवासी विष्णुदेव (35) भी गुरुग्राम में प्राइवेट नौकरी करते हैं। 20 मई को उनकी साली रीवा की शादी है। शादी में शामिल होने के लिए वह पत्नी सुनीता व बच्चों के साथ बिहार जा रहे थे। हादसे में उनके बेटे मनीष (8) व नितेष (12) की मौत हो गई। घटनास्थल से पुलिस ने बच्चों के शव हटवा दिए थे।
जबकि घायलों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया था। बांगरमऊ सीएचसी से बेबीदेवी व सुनीता को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया था। जिला अस्पताल में जब बेबीदेवी व सुनीता को होश आया तो उन्होंने सबसे पहले अपने आसपास बच्चों को देखा। बच्चों को न देख वह बिलख पड़ी।
इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों ने उन्हें संभाला व बच्चों के सुरक्षित होने का आश्वासन दिया। इस बीच दोनों महिलाएं अपने बच्चों को बार बार पास बुलाने की मांग करती रही। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर हादसे की सूचना मिलते ही बांगरमऊ व उसके आसपास के क्षेत्र में संचालित एंबुलेंस को बांगरमऊ सीएचसी बुला गया था।