लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे पर वॉल्वो और फॉर्च्यूनर की टक्कर में मारे गए सुरजीत सिंह के तीन भाई सतीश, सतबीर और संदीप हैं। चचेरे भाई जितेंद्र ने बताया कि 25 फरवरी को संदीप की शादी होनी है। सुरजीत कई महीनों से तैयारी में लगे थे। हादसे के बाद सुरजीत की पत्नी सुनीता, बेटे राघव, राहिल, शीवेंद्र व बेटी आराध्या का रो-रोकर बुरा हाल है।
लोगों की करते थे मदद
परिजनों ने बताया कि सुरजीत और विक्रम लोगों की मदद करने को हमेशा तैयार रहते थे। सुरजीत पूर्वी दिल्ली से पार्षद भी रहे। इसके अलावा त्रिलोकपुरी में ओम साईं न्याय ट्रस्ट और साईं धाम मंदिर न्याय ट्रस्ट के संस्थापक, चिल्ला विकास समिति के चेयरमैन, साईं केबल वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष थे।
वहीं रमाशंकर का दिल्ली में पान का थोक व्यवसाय है। रमाशंकर प्रतापगढ़ में जिला पंचायत सदस्य भी रहे थे। साइन सेना नाम से सुरजीत पत्रिका भी निकालते थे। रमाशंकर की पत्नी सीता व बेटे नीरज व अन्नू दिल्ली में ही रहते हैं। वहीं विक्रम प्रॉपर्टी का काम करते थे।
मां ने जाने से रोका था
सुरजीत के परिजनों ने बताया कि मुकेश, विक्रम, रमाशंकर गहरे दोस्त थे। वहीं ड्राइवर सनी भी परिवार की तरह ही था। परिजनों ने बताया कि जब मुकेश ने अपने परिवार वालों से प्रतापगढ़ जाने को कहा था तो उसकी मां ने मना किया था। अगर वो मां की बात मान जाता तो बच जाता।
एयरबैग खुल जाते तो शायद बच जाती जान
कार के एयरबैग नहीं खुले थे। आशंका है कि कार सवार लोगों ने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी। इस वजह से एयरबैग नहीं खुले। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कार धंस गई थी, इस वजह से भी एयरबैग नहीं खुले।