कानपुर के चकेरी में सरेराह बसपा नेता की हत्या फिर बिकरू में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या और संजीत अपहरण व हत्याकांड के बाद शनिवार रात कानपुर एसएसपी दिनेश कुमार पी पर गाज गिरी। शासन ने उनका तबादला झांसी कर दिया है। कानपुर में उनका कार्यकाल महज 37 दिनों का रहा।
इस दौरान तीन बड़ी वारदातें हुईं जिससे शहर की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए। माना जा रहा है कि नोडल अधिकारी एडीजी बीपी जोगदंड की रिपोर्ट पर कार्रवाई हुई है। आईपीएस डॉ. प्रितिन्दर सिंह को कानपुर का डीआईजी/एसएसपी बनाया गया है। 15 जून को दिनेश कुमार पी का सहारानपुर से कानपुर तबादला हुआ था।
18 जून को उन्होंने कार्यभार संभाला था। 20 जून को चकेरी में बसपा नेता पिंटू सेंगर को गोलियों से भून दिया गया था। इस घटना की तफ्तीश चल ही रही थी कि दो जुलाई को देश की सबसे बड़ी वारदात बिकरू गांव में हुई जहां गैंगस्टर विकास दुबे ने पुलिस पर हमला कर डीएसपी, एसओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी।
इससे कानून-व्यवस्था पर सीधे सवाल खड़े हो गए थे। इस बीच बर्रा से लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की अपहरण कर हत्या कर दी गई। दो दिन पहले ही अपहरण हत्याकांड का खुलासा हुआ। इसमें पुलिस की बड़ी लापरवाही उजागर हुई। बिकरू कांड के बाद शासन से नोडल अफसर आईपीएस बीपी जोगदंड को कानपुर भेजा गया था। उन्होंने दो दिन में यहां के क्राइम की समीक्षा कर रिपोर्ट सौंपी थी। माना जा रहा है कि उसी रिपोर्ट और अपहरण-हत्याकांड की वारदात के मद्देनजर दिनेश कुमार पी को हटाया गया।
दो दिन में दो बड़े अफसरों पर कार्रवाई
अपहरण-हत्याकांड के बाद बर्रा इंस्पेक्टर रणजीत राय को निलंबित किया गया था। शुक्रवार को शासन ने एसपी साउथ आईपीएस अपर्णा गुप्ता, डीएसपी मनोज कुमार गुप्ता समेत दस पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था। अब शहर के एसएसपी आईपीएस दिनेश कुमार पी पर गाज गिरी।