आंचल खरबंदा की मौत के मामले में पुलिस ने आरोपी सूर्यांश खरबंदा को गुरुवार को एक दिन की कस्टडी रिमांड पर लिया। थाने में पूछताछ के बाद पुलिस उसे घटनास्थल यानी घर ले गई। उसकी निशानदेही पर एक डायरी बरामद हुई है, जिसमें आंचल की हैंडराइटिंग है। भविष्य के कारोबार संबंध में तमाम चीजें इसमें लिखी हुई हैं। सूर्यांश से मोबाइल के पासवर्ड आदि की जानकारी ली। रिमांड की समयावधि पूरी होने के बाद सूर्यांश को वापस जेल भेजा दिया गया। अशोक नगर निवासी मसाला कारोबारी सूर्यांश खरबंदा की पत्नी आंचल का शव 19 नवंबर की रात घर के बाथरूम में फंदे से लटकता मिला था। पुलिस ने दहेेज हत्या की धारा में केस दर्ज कर सूर्यांश व उसकी मां निशा खरबंदा को जेल भेजा था। गुरुवार को पुलिस जेल से लाकर सूर्यांश को सबसे पहले नजीराबाद थाने ले गई। कुछ देर तक पूछताछ की। उसके बाद उसके घर ले गई। कमरे की एक अलमारी से आंचल की डायरी बरामद की। सूर्यांश ने बताया कि डायरी में आंचल की हैंडराइटिंग है। पुलिस इस डायरी को भी फोरेंसिक लैब भेजेगी।
मैंने नहीं आंचल ने प्रताड़ित किया
सूर्यांश ने पूछताछ में कहा कि आंचल को न तो उसने और न ही उसकी मां ने कभी प्रताड़ित किया। आंचल से खुद वह प्रताड़ित थे। जो आरोप उसने पहले लगाए थे वह एक बार फिर दोहराए। इस दौरान उसने हाथ पर बना टैटू दिखाया। जिसमें आंचल का नाम लिखा हुआ था। टैटू दिखाकर बोला कि वह आंचल से बहुत प्यार करता था। मारपीट का सवाल ही नहीं उठता।
कैफे खोलना चाहती थीं आंचल
बरामद डायरी को जब पुलिस ने पढ़ा तो उससे पता चला कि कोकाकोला क्रॉसिंग के पास आंचल एक कैफे खोलना चाहती थीं। कैफे खोलने के संबंध में पूरा प्लान उसमें लिखा था। अन्य तमाम तरह की जानकारियां उसमें लिखी हुई थीं।
मोबाइल डाटा ट्रांसफर किया
कस्टडी रिमांड के दौरान फोरेंसिक टीम भी मौजूद रही। सूर्यांश से उसके मोबाइल का पासवर्ड पूछा। सिक्योरिटी के साथ सेव डाटा देखा व ट्रांसफर कराया। इसमें तमाम वीडियो और कॉल रिकॉर्डिंग आदि हैं। फोरेंसिक टीम शुक्रवार को घटना स्थल पर क्राइम सीन रिक्रएट करेगी।
बुआ ने वापस ली अग्रिम जमानत अर्जी
आंचल हत्याकांड में आरोपी विजय नगर निवासी बुआ अंकिता उर्फ अन्नू खुल्लर की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत अर्जी गुरुवार को वापस ले ली गई। आंचल का पक्ष रख रहे अधिवक्ता संजीव कुमार शुक्ला ने बताया कि अंकिता के अधिवक्ता की ओर से कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर कहा गया कि वह अर्जी पर बल नहीं देना चाहते। इसी आधार पर जिला जज मयंक कुमार जैन ने अर्जी खारिज कर दी।