बिकरू कांड के आरोपी प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय के एनकाउंटर की न्यायिक जांच मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन को दी है। इस घटना से संबंधित कोई भी व्यक्ति जांच अधिकारी के दफ्तर में 27 जुलाई तक साक्ष्य व बयान दे सकता है। दो जुलाई की रात बिकरू गांव में कुख्यात विकास दुबे व उसके साथियों ने सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी।
अब तक विकास समेत छह लोगों को एनकाउंटर में मारा जा चुका है। इसमें बिकरू गांव के रहने वाले प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय को पुलिस ने नौ जुलाई को एनकाउंटर में मार गिराया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर प्रभात के नाबालिग होने के दस्तावेज वायरल हुए थे। हाईस्कूल की अंकतालिका के अनुसार वह नाबालिग था। इसके बाद पुलिस के एनकाउंटर को लेकर सोशल मीडिया में बहस छिड़ गई थी।
अब मुख्य न्यायिक अधिकारी ने जांच कराने के आदेश दिए हैं। अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन सोनली पूनिया ने जांच शुरू कर दी है। बता दें कि जांच में पता चला कि वह नाबालिग था। उसकी उम्र 16 साल थी। एनकाउंटर से पहले फोन पर उसकी आखिरी बातचीत उसकी बहन से हुई थी। तब वह बोला था, नाम नहीं लूंगा जो भी हैं, जहां भी हैं, सब ठीक हैं। इसके बाद फोन कट गया था।
पुलिस ने फरीदाबाद से प्रभात, अंकित और श्रवण को गिरफ्तार किया था। पुलिस का दावा है कि फरीदाबाद से प्रभात काे वापस लाते समय पनकी थाना क्षेत्र में गाड़ी पंचर हो गई थी। इस दौरान प्रभात एक दरोगा की पिस्टल लूटकर भागने लगा था। पीछा करने पर पुलिस पर गोली चलाई थी और जवाबी कार्यवाई में वह मारा गया था। उसकी 10वीं की मार्कशीट और आधार कार्ड से पता चला है उसकी जन्म तिथि 27 मई 2004 है।
पुलिस के हाथों मारे गए प्रभात मिश्रा को बंदूक लेकर चलना बेहद पसंद था। वह फोर्स में जाना चाहता था, लेकिन विकास दुबे के घर आने जाने की कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ी, यह कहना है प्रभात की मां गीता मिश्रा का। गीता ने बताया कि इकलौते बेटे की मौत से उनकी तो जिंदगी ही तबाह हो गई है। बिकरू कांड में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या में प्रभात मिश्रा पुत्र राजेंद्र मिश्रा का नाम शामिल था। 7 जुलाई की सुबह पनकी थाना क्षेत्र के भौती के निकट पुलिस मुठभेड़ में प्रभात की मौत हुई थी।