कानपुर में दोहरे हत्याकांड के खुलासे में पुलिस को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी। मकान के बंद दरवाजों से शक गहरा हुआ और आरोपी के हाथों पर मिले बेटे-बहू के खून के धब्बों ने वारदात का राजफाश कर दिया। तब पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की। आरोपी ने पूरा घटनाक्रम बताया, जिसकी पुलिस ने वीडियो रिकॉर्डिंग भी की।
रामबाग की जिस बिल्डिंग में छह परिवार रहते हैं, वहां जाने का एक मुख्य दरवाजा है। एडीसीपी पश्चिम बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जब मामले में पूछताछ शुरू हुई, तो पता चला कि बिल्डिंग में रहने वाले दो युवक सुबह पांच बजे मॉर्निंग वॉक पर गए थे। तब उन दोनों ने दरवाजे की कुंडी खोली थी।
इससे ये स्पष्ट हुआ कि बिल्डिंग में कोई बाहरी नहीं आया। अगर ऐसा हुआ होता, तो पहले ही दरवाजा खोला गया होता। यानी हत्यारा वहीं पर था। इसके बाद फॉरेंसिक टीम ने बेंजाडीन टेस्ट किया। दीप के हाथ व शरीर पर कई जगह खून के धब्बे मिले। इससे शक की पुष्टि हो गई। तत्काल उसको हिरासत में ले लिया गया। इस तरह से पूरी वारदात का खुलासा हो गया।
चीखने की सुनी थी आवाज, आरोपी बोला बेटे को दौरा पड़ा है
एसीपी सीसामऊ निशांक शर्मा ने बताया कि शिवम को मिर्गी के दौरे पड़ते थे। जब दीप ने दोनों का गला रेता, तो उस वक्त जूली की चीख बाहर तक गूंजी थी। मकान मालिक विवेक की सास स्नेहलता ने चीख सुनकर पूछा भी कि तिवारी जी क्या हुआ। तब आरोपी दीप ने कहा था कि शिवम को मिर्गी का दौरा पड़ा है। परेशान न हों।
दुकान खाली करने को लेकर भी परेशान था
ब्रह्मनगर चौराहे के पास एक किराये की दुकान दीप ने ले रखी थी, जहां पर चाय बेचता था। दुकान मालिक ने दुकान खाली करने को कहा था। इसको लेकर भी वह परेशान था। एक तरह से दीप डिप्रेशन में था। जब पुलिस ने आरोपी से पूछा कि क्या उसमें उसके बड़े बेटे मोनू का हाथ भी है, तो उसने कहा कि मोनू मानसिक रूप से बीमार है। उसका इस घटना से कोई लेनादेना नहीं है। मैंने खुद दोनों को मारा। मोनू को न फंसाया जाए।
जब से बहू के कदम पड़े, तब से खाने के लाले पड़ गए
बेटे और बहू का कत्ल करने वाला सनकी दीप वारदात को अंजाम देने के बाद भी बेफिक्र होकर घर पर ही रहा। जब पूछताछ हुई, तो उसने कहा कि जब से बहू के कदम उसके घर पर पड़े थे, तब से एक भी दिन सुकून से नहीं गुजरा। बीमारी में परिवार बर्बाद हो गया। हर दिन कलह और दिक्कतें बढ़ती गईं। इसलिए त्रस्त होकर हमने उनको मुक्त कर दिया। दीप ने कहा कि बहू जूली कहती थी उस पर आत्माओं का साया आता है। इसको लेकर तांत्रिकों से झाड़फूंक कराते थे, जिसमें काफी पैसा लग रहा था। शिवम जो कमाता था, वह अपनी पत्नी पर खर्च कर देता था। इससे आर्थिक दिक्कतें परिवार को घेरे हुईं थीं।
मरते दम तक रहेगा पछतावा, कत्ल के बाद बड़े बेटे को बताया
एसीपी सीसामऊ जब आरोपी से पूछताछ कर रहे थे, तो दीप ने पूरी घटना बताई। जब एसीपी ने कहा कि जो तुमने किया है, उससे पूरा परिवार खत्म हो गया। इस पर कोई पछतावा है? दीप बोला हां पछतावा है। मरते दम तक रहेगा। उसने आगे बताया कि सोते वक्त जब गला रेता तो पहले शिवम खड़ा हो गया। तब उसने उसके बाल पकड़े और तेजी से गर्दन पर दोबारा चाकू फेर दी। फिर धीरे-धीरे नीचे गिरा दिया। उसके बाद जूली को मारा। हाथ धोने के बाद वह छत पर गया। मानसिक रूप से बीमार बेटे मोनू को लेकर नीचे आया और कहा कि शिवम व जूली अब मर गए हैं। उसके बाद दोबारा उसको सुला दिया।