संजीत अपहरण हत्याकांड के सात आरोपियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है। थाने की रिपोर्ट पर पहले डीआईजी और अब डीएम ने मुहर लगा दी है। आरोपी रामजी शुक्ला को गैंग लीडर बनाया गया है।
सभी आरोपी जेल में बंद हैं। आरोपियों की हिस्ट्रीशीट भी पुलिस ने खोल दी है। 23 जून 2020 को बर्रा निवासी लैब टेक्नीशियन संजीत यादव को अपहरण हुआ था। 23 जुलाई को पुलिस ने खुलासा किया था।
इसमें पता चला था कि उसके करीबी ने साथियों के साथ मिलकर संजीत का अपहरण कर मार दिया और शव पांडु नदी में फेंक दिया था। पुलिस ने रामजी शुक्ला, कुलदीप गोस्वामी, नीलू सिंह, ज्ञानेंद्र यादव, प्रीति शर्मा, चीता और सिम्मी सिंह को जेल भेजा था।
विवेचक इंस्पेक्टर बर्रा हरमीत सिंह ने कुछ दिन पहले ही सभी के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई कर रिपोर्ट डीआईजी को भेजी थी। यहां से फाइल डीएम को भेजी गई थी। डीएम ने रिपोर्ट पर मुहर लगा दी है। एक दो दिन के भीतर सभी के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
इसलिए रामजी बना गैंग लीडर
पुलिस के मुताबिक अपहरण की साजिश करने में रामजी की मुख्य भूमिका रही। उसी के इशारे पर पूरे गिरोह ने संजीत की हत्या की। वहीं जो 13 जुलाई को बदमाश फिरौती का बैग लेकर फरार हुए थे, उसमें मुख्य रामजी ही था। इसलिए पुलिस ने उसे गैंग लीडर बनाया है।