कानपुर के घाटमपुर में ट्रैक्टर-ट्राली हादसा बहुत विभत्स हुआ। खौफनाक मंजर में माहौल तबदील हो गया। हर तरफ लाशें पड़ी थीं और पूरे गांव में मातम पसर गया। सभी मृतक कोरथा गांव के ही है। गांव से लेकर घटना स्थल और अस्पताल तक बस चीख-पुकार और चीत्कार सुनाई दे रही थी। हादसे का कहर ऐसा टूटा कि हर कोई टूट गया।
कुछ ग्रामीणों ने बताया कि शनिवार सुबह से पूरा गांव खुशियों में डूबा था। हर कोई राजू के बेटे मुंडन संस्कार में जाने को उत्सुक था। भजन गाते और हंसते खेलते बच्चे, महिलाएं आदि लोग गांव से रवाना हुए थे। सबकुछ अच्छा अच्छा चल रहा था। कार्यक्रम भी हो गया था। जब वह अपने गांव से चार पांच किलोमीटर पहले थे तभी हादसा हो गया। खुशियों भरा माहौल चंद सेकेंड में मातम में बदल गया।
चीख सुनकर दहल गए लोग
हादसे की खबर पहुंचते ही सैकड़ों ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। हर कोई गम में डूबा था। चीखने चिल्लाने और रोना इस कदर पड़ा कि आसपास के लोग भी दहल गए। वहां से गुजरने वाले लोगों का जमावड़ा लग गया। वह भी इस दुख में शामिल हो गए। तमाम राहगीर रेस्क्यू ऑपरेशन में हुए।
मासूमों के शव छाती से लगा रोए
बच्चों की लाशें देखकर दहशत मच गई। बिलखते लोग यकीन नहीं कर पा रहे थे कि मासूम भी इस हादसे का शिकार हो गए। लोग मासूमों के शवों को छाती से लगाकर रोते रहे। पुलिस व डॉक्टर की टीम शव को कब्जे में लेने का प्रयास करती रही लेकिन ग्रामीण मान ही नहीं रहे थे। काफी नोकझोक भी हुई। दुख का ऐसा पहाड़ टूटा कि उसकी भरपाई किसी के वश में नहीं थी। लोग सांत्वना तक नहीं दे पा रहे थे।
बेबस लोगों के सामने खत्म हो गई जिंदगी
हादसा देख तमाम राहगीर भी वहीं पर खड़ हो गए थे। हर किसी को पता था कि ट्रॉली के नीचे पानी के भीतर दर्जनों लोग दबे हैं। वह बिलख रहे थे कि किसी तरह से उनको बाहर निकाल लिया जाए वरना वो मर जाएंगे। लेकिन, उनके वश में नहीं था। वह बेबस होकर खड़ रहे। क्योंकि दो चार दस लोगों के वश में नहीं था कि वह ट्रॉली हटाकर उनको बाहर निकाल पाएं।
सन्न रह गए लोग, भर आईं आंखें
हादसा देख ग्रामीणों के हाथ पैर फूल गए। पुलिसकर्मी भी सन्न रह गए। तमाम लोग ऐसे थे जिनकी आंखों से आंसू गिरने लगे। वह सकते में आ गए। खासकर कोरथा गांव के रहने वाले। किसी को यकीन नहीं हो रहा था कि इतना भीषण हादसा हुआ और दर्जन लोगों की मौत हो गई।