लखनऊ में दबोचे गए अलकायदा के दो आतंकियों का एक साथी कानपुर में नई सड़क इलाके में रहता है। काफी समय से अलकायदा से जुड़े इस आतंकी पर शहर में आतंकी गतिविधियों के संचालन और साजिशों को अंजाम देने का जिम्मा है। इसी नापाक मंसूबे से वह शहर के कई लोगों को आतंकी संगठन में सक्रिय करने की फिराक में था। इनके जरिये वह लखनऊ में पकड़े गए आतंकियों के साथ मिलकर सूबे की राजधानी और कानपुर में बड़े धमाकों या फिर फिदायीन (आत्मघाती) हमले की साजिश रच रहा था। इसकी गिरफ्तारी के लिए एटीएस की टीम ने शहर में छापेमारी शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में एटीएस जाजमऊ, चमनगंज और बेकनगंज इलाके से चार से पांच संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ में जुटी है। एटीएस ने लखनऊ के ठाकुरगंज थानाक्षेत्र के दुबग्गा से आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़े दो आतंकियों मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन उर्फ मुशीर को गिरफ्तार किया। जांच में सामने आया कि इनके कई साथी फरार हैं। फरार आतंकियों में से एक कानपुर का रहने वाला है।
सूत्रों के मुताबिक, ये आतंकी नई सड़क इलाके में रहता है और कई साल से संगठन का सक्रिय सदस्य है। उस पर किसी को संदेह न हो, इसलिए छोटी-मोटी नौकरी करता है। कानपुर में बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए वह यहां अलग-अलग स्थानों की रेकी कर जानकारी इकत्र कर रहा था। ये सप्ताह में एक-दो बार लखनऊ जाता था। कानपुर से मिली जानकारियों को वह मुशीर और मिनहाज से साझा करता था। एक तरह से इसे कानपुर में हमलों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
निशाने पर प्राचीन और धार्मिक स्थल
सूत्रों के मुताबिक, नई सड़क इलाके के आतंकी ने यहां के प्राचीन और धार्मिक स्थलों की तस्वीरें दोनों आतंकियों को पहुंचाई हैं। आशंका यह भी है कि मॉल, रेलवे स्टेशन, प्रतिरक्षा प्रतिष्ठान, बड़े सरकारी संस्थान या फिर कोई अन्य भीड़भाड़ वाला स्थान इनके निशाने पर हो सकता था। इसकी गिरफ्तारी के लिए एटीएस लखनऊ के साथ कानपुर में भी छापे मार रही है। उसके कई परिचितों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी कर रही है। सूत्रों का यहां तक दावा है कि एटीएस किसी भी वक्त उसकी गिरफ्तारी कर सकती है।
भड़काऊ वीडियो दिखा करता था मोटिवेट
आतंकियों ने फर्जी पहचान पत्र पर सिम भी जारी कराए थे, जिनके जरिये वे आपस में बात करते थे। सूत्रों के मुताबिक, अधिकतर बातचीत व्हाट्सएप कॉल के जरिये की जाती थी, जिससे उन्हें ट्रैस न किया जा सके। नई सड़क इलाके का आतंकी शहर के कुछ लोगों को अपने जाल में फंसा चुका था। वह उनको संगठन में शामिल होने के लिए मोटिवेट कर रहा था। भड़काऊ जिहादी वीडियो दिखाकर उनका माइंडवॉश करता था। इसके लिए गरीब और मजबूर लोग उसके निशाने पर थे। कई लोगों को वह लखनऊ ले जाकर साथी आतंकियों से भी मिलवा चुका था। इससे माना जा रहा है कि नई सड़क इलाके का रहने वाला शख्स कानपुर का मुख्य आतंकी है।
असलहा और विस्फोटक की भी आशंका
जांच एजेंसियों को आशंका है कि जिस तरह से लखनऊ में बड़ी मात्रा में असलहा और विस्फोटक बरामद हुआ है, वैसे ही आतंकियों का कानपुर का साथी भी असलहों व विस्फोटक से लैस होगा। इसलिए जांच एजेंसियां पूरी एहतियात बरत रही हैं और प्रोटोकॉल के तहत ही कार्रवाई की रणनीति पर आगे बढ़ रही हैं।