कानपुर के कल्याणपुर स्थित डिविनटी होम्स अपार्टमेंट में पत्नी और दोनों बच्चों की हत्या का प्लान डॉक्टर सुशील ने पहले से ही बना कर रखा था। आशंका है कि जिस चाय को पीने के बाद चंद्रप्रभा, शिखर और खुशी बेहोश हुए थे वह डॉ. सुशील ने ही बनाई थी। फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. प्रवीण श्रीवास्तव ने बताया कि तीन कप शवों के पास मेज पर रखे मिले थे, जिनमें थोड़ी-थोड़ी चाय बची हुई थी। किचन में रखे एक पतीले में दूध था तो दूसरे में चाय बनाई गई थी। उसी के पास एक कप में चाय भी मिली थी। जो सुशील ने खुद पी होगी। किचन के सामने टेबल पर मुसल (दवा पीसने वाली छोटी ओखली) मिली, जिसमें सफेद रंगा का पाउडर था। आशंका है कि वह बेहोश करने वाली दवा होगी। चाय, कप, मुसल और पाउडर को लैब भेजा गया हैै।
भाभी ही चाय बनाती थीं
भाई सुनील ने बताया कि सुशील हमेशा भाभी के हाथों की ही चाय पीता था, वह कभी चाय नहीं बनाता था। लेकिन वारदात को अंजाम देने के लिए उसने खुद ही चाय बनाई होगी।
भैरव घाट पर किया अस्थियों का विसर्जन
रविवार सुबह हत्यारोपी के बड़े भाई अमृत लाल, भाई डॉ. सुनील, भतीजा अनिल व बहन शारदा देवी तीनों मृतकों की अस्थियां लेकर भैरव घाट पहुंचे। नाव पर सवार होकर गंगा नदी में उनकी अस्थियों का विसर्जन किया गया।
रेलवे स्टेशन व बस अड्डों के खंगाले जा रहे फुटेज
डॉ. सुशील की तलाश में पुलिस अधिकारियों ने एक टीम रेलवे स्टेशन व बस अड्डों के सीसीटीवी फुटेज खंगालने के लिए लगाई है। फिलहाल, डॉक्टर किसी फुटेज में नजर नहीं आया है।
पत्नी व बच्चों को लेकर डॉक्टर था परेशान
आरोपी डॉक्टर सुशील की बहन शारदा देवी ने बताया कि सुशील पूरे परिवार से बहुल अलग-थलग था। परिवार में किसी के दुख सुख में भी कभी अपनी तरफ से फोन कर हाल चाल नहीं लेता था। इसलिए परिवार के सदस्य भी उससे व उसके परिवार से बात करने से कतराते थे। ऐसे में पत्नी व बच्चों के भी समाज से दूर होने को लेकर वह अक्सर परेशान रहता था।