बागपत जनपद में छपरौली थानाक्षेत्र के बाछौड़ गांव में मां और दो बेटी की मौत के मामले में दरोगा को निलंबित कर दिया गया है। वहीं शनिवार को इस प्रकरण में एसपी नीरज जादौन ने पीड़ित महक सिंह से की बातचीत की। पत्नी और दो बेटियों की मौत के बाद पीड़ित ने अधिकारियों को अपनी आपबीती सुनाई। पीड़ित ने अधिकारियों से कहा- साहब, एसआई नरेशपाल मेरी पत्नी और दो बेटियों को गाली देकर मरने के लिए कहता रहा। पत्नी ने एसआई के पैर भी पकड़े, लेकिन अभद्रता जारी रही। एसआई ने ऐसा एक बार नहीं किया, बल्कि वह जब भी घर में आता था तो गालियां ही देकर बात करता था। पत्नी व बेटियों से बेइज्जती सहन नहीं हुई और उन्होंने विषाक्त पदार्थ निगल लिया। अस्पताल में उनकी उपचार के दौरान बारी-बारी से मौत हो गई।
जांच में सामने आया है कि पीड़ित के घर पर पुलिस ने 20 दिन में नौ बार दबिश दी। एसपी नीरज कुमार जादौन ने इस मामले में जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है। इसमें क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर किरणपाल सिंह व अंजु तेवतिया को शामिल गया है। एएसपी मनीष कुमार मिश्र के निर्देशन में एसआईटी ने शुक्रवार को गांव में लोगों के बयान लिए। इसमें दरोगा की लापरवाही सामने आई है, जिसके आधार पर दरोगा के निलंबन की कार्रवाई की गई है।
जांच में सामने आया है कि पीड़ित के घर पर पुलिस ने 20 दिन में नौ बार दबिश दी। एसपी नीरज कुमार जादौन ने इस मामले में जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है। इसमें क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर किरणपाल सिंह व अंजु तेवतिया को शामिल गया है। एएसपी मनीष कुमार मिश्र के निर्देशन में एसआईटी ने शुक्रवार को गांव में लोगों के बयान लिए। इसमें दरोगा की लापरवाही सामने आई है, जिसके आधार पर दरोगा के निलंबन की कार्रवाई की गई है।