देश की पहली बिना इंजन वाली ट्रेन टी-18 को वाराणसी से दिल्ली के बीच चलाने की तैयारी है। दिल्ली स्थित रेल भवन के गलियारों में इसे 25 दिसंबर को चलाए जाने की चर्चा है। 180 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम ट्रेन टी-18 का इंटीरियर लाजवाब है। इस ट्रेन का हाल ही में सफल ट्रायल हो चुका है। वाराणसी-नई दिल्ली के बीच चलाई जाने वाली टी-18 की रफ्तार को लेकर शंका है। इसके कई कारण हैं। आगे की स्लाइड्स में देखें..
वाराणसी-नई दिल्ली के बीच चलाई जाने वाली टी-18 की रफ्तार राजधानी एक्सप्रेस से थोड़ी ही तेज होगी। ट्रैक की क्षमता और संभावित टाइम टेबल देखा जाए तो टी-18 वाराणसी से नई दिल्ली के बीच 100 से 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी। हालांकि, ट्रेन के संचालन को लेकर केवल चर्चा ही है, अभी तक आधिकारिक टाइम टेबल जारी नहीं किया गया है।
आधिकारिक सूत्रों की मानें तो सुबह छह बजे नई दिल्ली से यह ट्रेन चलेगी और दोपहर बाद दो बजे वाराणसी पहुंचेगी। आधे घंटे बाद 2:30 बजे यह वाराणसी से रवाना होगी और रात साढ़े आठ बजे तक नई दिल्ली पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। रेल भवन के गलियारों में इसे 25 दिसंबर को चलाए जाने की चर्चा है।
हालांकि यह संभव नहीं दिख रहा है। अभी तक मंडल मुख्यालय को ट्रेन संचालन से जुड़ी कोई जानकारी साझा नहीं की गई है। न ही ट्रेन संचालन को लेकर कोई निर्देश दिए गए हैं। इतना ही नहीं इसे वाया इलाहाबाद या वाया लखनऊ चलाया जाएगा, यह भी तय नहीं है। दूसरी तरफ मंडुवाडीह में यार्ड रिमॉडलिंग के चलते कई ट्रेनें कैंट रेलवे स्टेशन से चलाई जानी हैं। ऐसे में टी-18 का संचालन 25 या 29 दिसंबर को कर पाना और भी मुश्किल होगा।
वाराणसी से वाया इलाहाबाद नई दिल्ली की दूरी 755 किलोमीटर है, जबकि वाया लखनऊ यह दूरी 792 किलोमीटर है। सूत्रों के अनुसार, ट्रेन इस दूरी को मात्र आठ घंटे में ही तय कर लेगी। उत्तर रेलवे के एडीआरएम रवि प्रकाश चतुर्वेदी का कहना है कि ट्रेन के संचालन को लेकर अभी तक हमारे पास कोई जानकारी नहीं आई है। मुख्यालय का निर्देश मिलने पर आवश्यक तैयारी की जाएगी।