सात वार नौ त्योहार वाली काशी के त्योहार व पर्व मनाने का अंदाज भी अलग है। काशी को धर्म की नगरी कहा जाता है। मान्यता है कि ये शहर भगवान शिव के त्रिशूल पर बसा हुआ है। फिर जहां शिव होंगे, वहां देवी गौरी भी होंगी। शिव की नगरी काशी के कण-कण में शिव के साथ शक्ति भी विराजती हैं। शारदीय नवरात्र में आदिशक्ति के नौ स्वरूपों के दर्शन कर भक्त माता से सुख, समृद्धि और भक्ति का आशीष मांगते हैं। प्रतिपदा से लेकर नवमी तक मां दुर्गा के नौ स्वरूप अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं और मंदिर क्षेत्र में सुबह से देर रात तक दर्शन पूजन की कतार लगती है।
चैत्र नवरात्र में जहां नौ गौरी की पूजा का विधान है वहीं शारदीय नवरात्र में नौ दुर्गा पूजी जाती हैं। जिस दिन जिस देवी के दर्शन का महात्म होता है उस दिन उसी मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। शारदीय नवरात्रि के अवसर पर आपको बताते हैं अलग-अलग गौरी का महात्म और काशी में कहां-कहां स्थित हैं नौ गौरियों का मंदिर।
चैत्र नवरात्र में जहां नौ गौरी की पूजा का विधान है वहीं शारदीय नवरात्र में नौ दुर्गा पूजी जाती हैं। जिस दिन जिस देवी के दर्शन का महात्म होता है उस दिन उसी मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। शारदीय नवरात्रि के अवसर पर आपको बताते हैं अलग-अलग गौरी का महात्म और काशी में कहां-कहां स्थित हैं नौ गौरियों का मंदिर।