श्रीलंका की यात्रा पर गए वाराणसी से सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 14वें अंतरराष्ट्रीय वेसाक दिवस में शामिल हुए। इस दौरान पीएम मोदी ने अगस्त महीने से काशी से श्रीलंका के बीच सीधी विमान सेवा की घोषणा की। श्रीलंका और काशी का प्राचीन समय से ही बेहद खास रिश्ता रहा है जिसे प्रधानमंत्री ने अब और गाढ़ा कर दिया है। आगे की स्लाइड में जानें पूरी कहानी...
कोलंबो में प्रधानमंत्री ने कहा कि वेसाक दिवस बौद्ध धर्म का सबसे बड़ा त्योहार है। श्रीलंका से हमारा पुराना नाता है। भारत, बुद्ध की धरती है। बुद्ध के समय से ही भारत-श्रीलंका के बीच दोस्ती शुरू हुई थी। भारत, श्रीलंका के आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि भारत से ही बौद्ध धर्म श्रीलंका पहुंचा। सम्राट अशोक के बेटी संघमित्रा इसे श्रीलंका लेकर आए। कोलंबो से वाराणसी के बीच अगस्त से सीधी फ्लाइट शुरू होगी। इससे बुद्ध से जुड़े स्थान श्रीलंका से जुड़ सकेंगे। यहां के तमिल लोग काशी विश्वनाथ मंदिर भी जा सकेंगे।
दरअसल श्रीलंका और बनारस के बीच रिश्तों की शुरुआत सम्राट अशोक के समय हुई। सम्राट अशोक की बेटी संघमित्रा बोधिवृक्ष की एक शाखा लेकर श्रीलंका जाती हैं और वहां बौद्धधर्म का प्रचार प्रसार करती हैं। बोधिवृक्ष की शाखा श्रीलंका के अनुराधापुरम स्थित महाम्यून उद्यान में लगाया गया है।
ऐतिहासिक दृष्टि से यह अब तक का ज्ञात सबसे प्राचीन वृक्ष लगभग 2250 वर्ष पुराना है। सन 1931 में श्रीलंका से बोधि वृक्ष की एक शाखा महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया के संस्थापक भिक्षु अनागारिक धर्मपाल सारनाथ ले आए और उसे मूलगंध कुटी विहार बौद्ध परिसर में लगाया गया।