अफगानिस्तान का नियंत्रण तालिबान के हाथ में जाने के बाद से ही यहां की सुरक्षा व्यवस्था तबाह हो चुकी है। पिछले कई दिनों की तरह गुरुवार को भी देश छोड़ने की आस में काबुल एयरपोर्ट के पास भारी भीड़ जुटी थी और शाम को यहीं दो आत्मघाती हमले हो गए।
धमाकों में 60 लोगों की मौत हो गई जिनमें 12 अमेरिकी सैनिक भी शामिल हैं। धमाके में 140 से भी ज्यादा लोग घायल हो गए। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमले की आशंका जाहिर की थी। साथ ही, अपने नागरिकों को काबुल एयरपोर्ट से दूर रहने की चेतावनी दी थी।
इस हमले को लेकर अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि एक हमले में काबुल एयरपोर्ट के ऐबी गेट के बाहर एक आत्मघाती हमलावर ने इस घटना को अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि हमलावर फायरिंग करते हुए आया और उसने खुद को बम से उड़ा लिया। जानकारी के मुताबिक, एयरपोर्ट के इस गेट पर ऑस्ट्रेलिया के सैनिक तैनात रहते हैं।
माना जा रहा है कि इस आत्मघाती हमले का मकसद पश्चिमी देशों के उन सैनिकों को निशाना बनाना था, जो अफगानिस्तानी शरणार्थियों को देश से बाहर निकालने में मदद कर रहे हैं। इस हमले से कुछ देर पहले काबुल एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले इटली के एक विमान पर भी फायरिंग हुई थी। इसमें 100 अफगानी शरणार्थी सवार थे।
इस आत्मघाती हमले के बाद काबुल एयरपोर्ट के आस-पास के हालात बेहद गंभीर हो गए। लोग हाथ से खींचने वाले ठेलों में घायलों को ले जाते हुए। हमले में घायल हुए कई लोग खून से लथपथ इधर से उधर भटकते नजर आए। काबुल में हालात ऐसे हैं कि घायलों को इलाज के लिए भी भटकना पड़ रहा है।