संवाद न्यूज एजेंसी
अमृतसर। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब की ओर से राज्य भर के डीसी कार्यालय के बाहर दिए जा रहे धरने के 11वें दिन सरकार ने किसान प्रतिनिधियों को बैठक के लिए बुला लिया है। संगठन के पांच नेता सरकार के पत्र के अनुसार सात दिसंबर को चंडीगढ़ बातचीत के लिए जाएंगे। इस प्रतिनिधिमंडल में संगठन के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू, महासचिव सरवन सिंह पंधेर, सविंदर सिंह चुताला, जसबीर सिंह पिद्दी और हरप्रीत सिंह सिंधवा शामिल होंगे।
प्रदर्शनकारी किसानों के नेताओं गुरबचन सिंह चाबा व जिलाध्यक्ष रणजीत सिंह कलेर बाला ने बताया कि पंजाब सरकार की ओर से संगठन को बैठक की पेशकश की गई है इसके लिए सरकार का पत्र उनको मिल गया है। सात दिसंबर को किसानों का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल चंडीगढ़ में पंजाब सरकार के कृषि व ग्रामीण विकास मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल के साथ पंजाब भवन में बातचीत करेगा।
वहीं, संगठन की ओर से बुधवार को पूर्व निर्धारित एक्शन के तहत पूरे पंजाब में डीसी कार्यालयों का काम सांकेतिक तौर पर 4 घंटे के लिए बंद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संगठन टेबल टॉक के लिए कभी मना नहीं करता। उन्होंने कहा कि सरकार से बातचीत में लोगों के मुद्दे रखेंगे और संगठन देखेगा कि केरल सरकार की तर्ज पर एमएसपी गारंटी कानून, किसानों और मजदूरों को कर्ज, मनरेगा के तहत रोजगार, कच्चे कर्मचारियों की पक्की नियुक्ति, नई नौकरियां, पंजाब के पानी को बचाना, विधानसभा में केंद्र द्वारा बीबीएमबी और बिजली वितरण लाइसेंस निजम 2022 के विरोध प्रस्ताव, बेअदबी और बहिबल कलां गोलीकांड के लिए न्याय, भारत माला सड़क परियोजनाओं के तहत सड़कों का मुआवजा, दिल्ली और पंजाब मोर्चों के शहीद परिवारों को नौकरी और मुआवजे आदि के मुद्दों पर सरकार की क्या प्रतिक्रिया है।
किसान नेता कंधार सिंह भोएवाल व बलदेव सिंह बागा ने कहा कि नशा, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था, प्रदूषण जैसे मुद्दों पर नियंत्रण करने में सरकार अब तक विफल रही है। इसके लिए पैसे की नहीं, बल्कि दृढ़ इच्छा शक्ति की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज भी नशे के ओवरडोज से युवाओं की मौत का सिलसिला जारी है, किसानों और मजदूरों की आत्महत्या करने की खबरें भरी पड़ी हैं। लोग सरकार से तंग आ चुके हैं और उन्होंने लंबे और शांतिपूर्ण संघर्ष का फैसला किया है और संगठन देश और पंजाब के हितों की रक्षा के लिए लगातार दृढ़ हैं। आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक मांगे स्वीकार नहीं होती।