नंगल। एक टापू में तूफान की चपेट में आए चार परिवारों के 16 सदस्यों को बीबीएमबी मैनेजमेंट की रेस्क्यू टीम ने बचा लिया गया। होशियारपुर और जालंधर से भाखड़ा घूमने आए यह चार परिवार एक बोट के माध्यम से एक टापू पर जाते वक्त तूफान आ गया। ऐसे में घबराए सदस्यों ने बीबीएमबी के अभियंता को काल किया गया। तब कहीं जाकर इन परिवार के सदस्यों को बचाया जा सका।
बीबीएमबी से मिली जानकारी के अनुसार रविवार देर रात तक एक रैस्क्यू अपरेशन किया गया। यह आपरेशन चार परिवारों के 16 लोगों की जान बचाने के लिए किया गया। एक प्रवक्ता ने बताया कि नंगल और जालंधर व होशियारपुर के चार परिवार जिसमें चार पुरुष, चार महिलाएं और चार बच्चे थे, भाखड़ा में घूमने आए थे। यह एक प्राइवेट बोट से बोटिंग करने लगे। इसी दौरान तेज तूफान की चपेट में बोट आ गई। इसी वजह से यह लोग भाखड़ा डैम के पीछे बनी विशाल गोबिंद सागर झील के बीच बीच के एक टापू का सहारा लेकर उतर गए। यहां सभी को किसी अनहोनी का डर सताने लगा। इसमें से एक व्यक्ति के पास बीबीएमबी के उपमुख्य अभियंता हुसनलाल कम्बोज और एपीआरओ सतनाम सिंह का नंबर था। जिसके माध्यम से उन्होंने फोन पर मदद की गुहार की।
उपमुख्य अभियंता ने तुरत बीबीएमबी के एपीआरओ सतनाम सिंह को बीबीएमबी के बोट चालक सहित अन्य कर्मचारियों को तूफान में फसे 16 लोगों को बचाने का आदेश जारी दिया। मौके पर पंहुची इस टीम ने कड़ी मेहनत के बाद सभी लोगों को रेस्क्यू अपरेशन से बाहर निकाल लिया। इस दौरान कुछ महिलाओं की डर के कारण तबीयत खराब हो गई। इनका प्राथमिक उपचार बीबीएमबी अस्पताल में करने के बाद उनको अपने घर भेज दिया गया।
इस बारे में जानकारी लेने के लिए बीबीएमबी के एएपीआरओ सतनाम सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि इस कारवाई को सफलता से अंजाम देने में रात के 10 बज गए थए। एक दो लोगों को छोड़कर सभी बहुत डरे थे। कुछ महिलाएं इतनी डरी थीं कि उनको उपचार के लिए बीबीएमबी अस्पताल से उपचार करवाना पड़ा। बीबीएमबी के उपमुख्य अभियंता हुसनलाल कम्बोज ने सभी से अपील की है कि भाखड़ा झील में घूमने जाने से पहले ध्यान से सोंचे। इसकी वजह है कि झील का पानी जितना शांत नजर आता है, उतना होता नही है। थोड़ी भी तेज हवा चलने पर लहरें उठना शुरू हो जाती है। जिससे जान को खतरा भी हो सकता है।
नंगल। एक टापू में तूफान की चपेट में आए चार परिवारों के 16 सदस्यों को बीबीएमबी मैनेजमेंट की रेस्क्यू टीम ने बचा लिया गया। होशियारपुर और जालंधर से भाखड़ा घूमने आए यह चार परिवार एक बोट के माध्यम से एक टापू पर जाते वक्त तूफान आ गया। ऐसे में घबराए सदस्यों ने बीबीएमबी के अभियंता को काल किया गया। तब कहीं जाकर इन परिवार के सदस्यों को बचाया जा सका।
बीबीएमबी से मिली जानकारी के अनुसार रविवार देर रात तक एक रैस्क्यू अपरेशन किया गया। यह आपरेशन चार परिवारों के 16 लोगों की जान बचाने के लिए किया गया। एक प्रवक्ता ने बताया कि नंगल और जालंधर व होशियारपुर के चार परिवार जिसमें चार पुरुष, चार महिलाएं और चार बच्चे थे, भाखड़ा में घूमने आए थे। यह एक प्राइवेट बोट से बोटिंग करने लगे। इसी दौरान तेज तूफान की चपेट में बोट आ गई। इसी वजह से यह लोग भाखड़ा डैम के पीछे बनी विशाल गोबिंद सागर झील के बीच बीच के एक टापू का सहारा लेकर उतर गए। यहां सभी को किसी अनहोनी का डर सताने लगा। इसमें से एक व्यक्ति के पास बीबीएमबी के उपमुख्य अभियंता हुसनलाल कम्बोज और एपीआरओ सतनाम सिंह का नंबर था। जिसके माध्यम से उन्होंने फोन पर मदद की गुहार की।
उपमुख्य अभियंता ने तुरत बीबीएमबी के एपीआरओ सतनाम सिंह को बीबीएमबी के बोट चालक सहित अन्य कर्मचारियों को तूफान में फसे 16 लोगों को बचाने का आदेश जारी दिया। मौके पर पंहुची इस टीम ने कड़ी मेहनत के बाद सभी लोगों को रेस्क्यू अपरेशन से बाहर निकाल लिया। इस दौरान कुछ महिलाओं की डर के कारण तबीयत खराब हो गई। इनका प्राथमिक उपचार बीबीएमबी अस्पताल में करने के बाद उनको अपने घर भेज दिया गया।
इस बारे में जानकारी लेने के लिए बीबीएमबी के एएपीआरओ सतनाम सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि इस कारवाई को सफलता से अंजाम देने में रात के 10 बज गए थए। एक दो लोगों को छोड़कर सभी बहुत डरे थे। कुछ महिलाएं इतनी डरी थीं कि उनको उपचार के लिए बीबीएमबी अस्पताल से उपचार करवाना पड़ा। बीबीएमबी के उपमुख्य अभियंता हुसनलाल कम्बोज ने सभी से अपील की है कि भाखड़ा झील में घूमने जाने से पहले ध्यान से सोंचे। इसकी वजह है कि झील का पानी जितना शांत नजर आता है, उतना होता नही है। थोड़ी भी तेज हवा चलने पर लहरें उठना शुरू हो जाती है। जिससे जान को खतरा भी हो सकता है।