मोहाली। रेमडेसिविर और ब्लैक फंगस की दवाइयां मुहैया करवाने के नाम पर लोगों को ठगने वाले अंतरराजीय गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। इस गिरोह के तीन शातिर गिरफ्तार किए हैं, जो कि पेशे से टैक्सी चालक हैं। तीनों आरोपियों की पहचान अमित कुमार निवासी शिवालिक विहार, जीरकपुर, मंदीप सिंह निवासी गांव ईशाक पेहवा, कुरुक्षेत्र हरियाणा और कुलविंदर कुमार निवासी टीकरी, कुरुक्षेत्र हरियाणा के रूप में हुई है। पुलिस ने तीनों शातिरों से 14 लाख रुपये और 5 एटीएम कार्ड बरामद किए हैं।
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं। इस तरह ठगी करने की कला उन्होंने गूगल पर ही सीखी है। एसपी साइबर सेल गुरजोत सिंह कलेर ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि रेमडेसिविर और ब्लैक फंगस की एंफोनेक्स की दवाई के नाम पर ठगी हो रही है। इस पर उनकी टीम के तकनीकी विशेषज्ञों ने इस मामले में जांच शुरू कर पूरी पड़ताल के बाद आरोपियों को जीरकपुर और करनाल से गिरफ्तार किया है। जिन बैंकों में इन शातिरों के खाते हैं, वह उनसे संपर्क कर रहे हैं। जिन लोगों से ठगी की गई है, पुलिस अब उनके नाम और बैंक खातों की पहचान कर पैसे वापस करेगी। इन शातिरों के खिलाफ जीरकपुर थाने में आईपीसी की धारा 419, 420, 120बी, 51ए और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की धारा 53 के तहत मामला दर्ज किया गया है। अदालत ने आरोपियों को चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है।
गूगल पर सीखी ठगी
उन्होंने गूगल पर इस कारोबार और ठगी की बारीकियों को सीखा। वह सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर अपने नंबर और अन्य जानकारियां शेयर कर देते थे। साथ ही उन्होंने ज्यादा लोगों को फंसाने के लिए सोशल मीडिया पर कई ग्रुप भी बना लिए। जब कोई व्यक्ति दवा के लिए उनसे संपर्क करता था तो वह उसको व्हाट्सएप कॉल करते थे। लोगों को दवाइयां मुहैया करवाने की फोटो से लेकर पूरी जानकारी देते थे। जैसे ही उनके बताए गए बैंक खाते में पैसा आ जाता था तो इसके बाद वह फोन उठाना बंद कर देते थे। इसके साथ ही उक्त व्यक्ति का फोन नंबर ब्लॉक कर देते थे।